सुनामी की वजह से एक हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं और करीब 11 हजार लोगों को विस्थापित होना पड़ा है. साइंटिस्ट्स का मानना है कि वोल्कैनिक आईलैंड अनक कराकातू में विस्फोट होने की वजह से सुनामी आई है. आईएएनएस के मुताबिक, ज्वालामुखी अब भी सक्रिय है. इसकी वजह से आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए चेतावनी जारी की गई है. ऐसी आशंका है कि सुनामी फिर से कहर बरपा सकती है.

इंडोनेशिया में ज्वालामुखी में हुए विस्फोट के बाद आई सुनामी ने 280 से अधिक जिंदगियां खत्म कर दी हैं. अभी भी लोगों की तलाश में राहत अभियान चलाया जा रहा है. मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका बनी हुई है. शनिवार रात आई सुनामी में जावा और सुमात्रा के गांवों और लोकप्रिय टूरिस्ट स्थलों पर भारी क्षति हुई.
सामने आई तस्वीरों में घरों के मलबों में अपनों की तलाश कर रहे लोगों को देखा जा सकता है. सुनामी में समुद्र किनारे मौजूद गावों में अधिक नुकसान पहुंचा. घटना के वक्त रिकॉर्ड हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि कई लोगों को भागने का मौका नहीं मिला.
भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इंडोनेशिया में आई सुनामी में जान-माल को पहुंचे नुकसान पर संवेदना जताई है. सुषमा ने ट्वीट कर कहा, ‘सुनामी में जान गंवाने वाले मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना. जैसा कि दुख की इस घड़ी में हम अपने इंडोनेशियाई भाइयों के साथ खड़े हैं, हमारी प्रार्थनाएं उनके साथ हैं.’
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘इंडोनेशिया में ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद सुनामी के कारण हुए जान व माल को पहुंचे नुकसान से दुखी हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. भारत अपने समुद्री पड़ोसी और दोस्त की राहत कार्य में सहायता करने के लिए तैयार है.’
इंडोनेशिया के नेशनल डिजास्टर मिटिगेसन एजेंसी के प्रमुख सुतपाओ ने कहा था- ‘सुनामी आने से पहले समुद्र की तटहटी में भौगोलिक हलचल हुई. इसकी वजह से कुछ ही देर पहले Anak Krakatau ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ था.’
सुतपाओ ने कहा- ‘समुद्र की तलहटी में लैंडस्लाइड हुई इसके बाद Anak Krakatau द्विप का ज्वालामुखी सक्रिय हो गया, फिर समुद्र में ऊंची लहरें उठीं.’ 1883 में क्रैकटो ज्वालामुखी में विस्फोट होने के बाद Anak Krakatau द्वीप का जन्म हुआ था
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