इंजन की पीछे वाली बोगी में इसलिए रखा था बम

सीमापार से आए आतंकी श्रमजीवी एक्सप्रेस में सवार हर यात्री को मौत के घाट उतारना चाहते थे। इसीलिए श्रमजीवी एक्सप्रेस के इंजन से सटी जनरल बोगी में बम रखा गया। मामले की जांच से जुड़े पुलिस रेल अधिकारी और अभियोजन का कहना था कि आतंकियों ने जानबूझकर इंजन के पीछे वाली बोगी में बम रखा था। 

उनका मकसद था कि तेज गति से चल रही ट्रेन विस्फोट के बाद पलट जाएगी। इससे जनरल के साथ ही एसी कोच में यात्रियों को बड़ा नुकसान पहुंचेगा। जितनी ज्यादा मौतें होंगी, उतना ही आतंक भारत में फैल सकेगा।

सातों आतंकियों ने बिहार में बनाया अटैची बम 
अभियोजन के पास उपलब्ध रिकॉर्ड के मुताबिक, सातों आतंकी मुर्शिदाबाद के रास्ते बिहार पहुंचे थे। पटना रेलवे स्टेशन के करीब खुसरुपुर रेलवे स्टेशन के पास मियांटोली इलाके के ट्यूबवेल पर बैठक की गई थी। वहीं अटैची में बम की रखा गया, फिर रेकी करके पटना रेलवे स्टेशन पर खड़ी श्रमजीवी एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 2391) की जनरल बोगी में सीट के नीचे अटैची बम रखा गया, जो कि जौनपुर के हरपालपुर और कोइरीपुर के बीच रेलवे क्रॉसिंग के पास फटा।

पटना के प्लेटफॉर्म नंबर तीन कर पर खड़ी थी श्रमजीवी
अभियोजन के मुताबिक पटना के खुसरूपुर रेलवे स्टेशन के समीप ट्यूबवेल पर इकट्ठा हुए। आतंकियों ने खुसरूपुर के मियां टोला के हकीम मियां से विस्फोट सामग्री और अटैची ली। खुसरूपुर के प्लेटफॉर्म नंबर एक के उत्तर में ट्यूबवेल के पास याहिया व ओबैदुर्रहमान ने बम बनाया। हिलाल व रोनी ने पटना के प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर चेकिंग के बाद श्रमजीवी ट्रेन में जनरल बोगी में सीट के नीचे अटैची बम रखकर सीट से बांधा था, जिसके बाद बम विस्फोट हुआ।

आरडीएक्स का इस्तेमाल, टाइमर से विस्फोट किया

27 जुलाई 2005 को पटना रेलवे स्टेशन पर खड़ी श्रमजीवी एक्सप्रेस में टाइमर अटैची बम रखा गया था। इसमें आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था। आतंकियों का मकसद बड़ा नुकसान पहुंचाना था, इसलिए जनरल बोगी में बम रखा गया। 28 जुलाई को ट्रेन जौनपुर के हरपालगंज रेलवे स्टेशन से आगे बढ़ी तो टाइमर के जरिये विस्फोट कर दिया गया।

18 साल से जेल में हैं आतंकी

हिलाल उर्फ हिलालुद्दीन और पश्चिम बंगाल के नफीकुल विश्वास को 17 नवंबर 2005 को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया था। पहले दोनों को हैदराबाद जेल में रखा था। बाद में अदालत ने मामले का संज्ञान लिया और आतंकियों को तलब किया। इसके बाद आतंकी जौनपुर लाए गए और जिला कारगार में रखे गए। करीब 18 वर्ष से आतंकी कारागार में रखे गए हैं। अब सजा मिली है।

सीमापार से आए थे आतंकी
आतंकी बांग्लादेश की सीमा से भारत आए थे। आतंकियों की संख्या सात थी। इन सबको पाकिस्तान में आतंक फैलाने की ट्रेनिंग मिली थी। गुलाम वजदानी आका था। हिलालुद्दीन और नफीकुल विश्वास भी आतंक फैलाने के इरादे से आए थे।

श्रमजीवी विस्फोट कांड के दो आतंकियों को मृत्युदंड की सजा

आपको बता दें कि जौनपुर की अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश राय की कोर्ट ने बुधवार को श्रमजीवी विस्फोट कांड के दोषी दो आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई। बांग्लादेशी आतंकी हिलालुद्दीन और पश्चिम बंगाल के नफीकुल विश्वास को फैसला सुनाया गया। इसमें बीते 22 दिसंबर 2023 को दोनों को दोषी करार दिया गया था।

अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार राय की अदालत में बुधवार को 18 साल पहले श्रमजीवी विस्फोट एक्सप्रेस में बम रखने के आरोपित बांग्लादेश निवासी हिलाल उर्फ हिलालुद्दीन व विस्फोट में सहयोग करने का आरोपित बंगाल निवासी नफीकुल विश्वास को पेश किया। कड़ी सुरक्षा के बीच दोपहर 3.13 बजे इन्हें कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया। 

शाम 4.15 बजे न्यायाधीश अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार राय द्वारा हिलाल उर्फ हिलालुद्दीन को धारा 148 में तीन वर्ष की सजा व पांच हजार रुपये अर्थदंड, धारा 302 भा.द.स. में मृत्युदंड, धारा 307 भा.द.स. 10 वर्ष की कारावास व पांच लाख रुपये अर्थदंड, धारा तीन विस्फोटक पदार्थ अधिनियम में आजीवन कारावास व पांच लाख रुपये अर्थदंड, धारा 150 रेलवे अधिनियम में आजीवन कारावास, धारा 14 फारेनर्स एक्ट में पांच वर्ष की सजा व 20 हजार का अर्थदंड दिया गया। 

आतंकी नफीकुल विश्वास को धारा 148 में तीन वर्ष की सजा, पांच हजार रुपये अर्थदंड, धारा 302 भा.द.स. में मृत्युदंड, धारा 307 भा.द.स. में 10 वर्ष की सजा व पांच लाख रुपये अर्थदंड, धारा तीन विस्फोटक अधिनियम में आजीवन कारावास व पांच लाख रुपये अर्थदंड, धारा 150 रेलवे अधिनियम में आजीवन कारावास से दंडित किया गया। अदालत के फैसले के बाद दोनों को आदेश की कॉपी के लिए इंतजार करना पड़ा। इसके बाद दोनों को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेज दिया गया।

14 की गई थी जान, 62 यात्री हुए थे घायल
सिंगरामऊ के हरपालगंज हरिहरपुर के पास 28 जुलाई 2005 को पटना से दिल्ली जा रही श्रमजीवी एक्सप्रेस में आतंकियों ने बम विस्फोट किया था। धमाके में 14 लोगों की मौत हुई थी और 62 लोग घायल हुए थे।

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