बालिका गृह में रह रही लड़कियों से दुष्कर्म का मामला कितना गंभीर है, यह इससे पता चलता है कि इस शर्मनाक कांड का संज्ञान सुप्रीम कोर्ट ने भी ले लिया है।
यह शर्मनाक घटना सरकारी सिस्टम की विफलता का नतीजा है। ऐसी ही विफलता नब्बे के दशक में चारा घोटाला में भी सामने आई थी, लेकिन यह उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले की सीबीआई जांच अदालत के आदेश के कारण हुई थी और उसने जांच की निगरानी भी की थी। हालांकि यह सच है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की सीबीआई जांच बिहार सरकार की सिफारिश पर हो रही है, लेकिन इस केंद्रीय जांच एजेंसी के किसी तरह के दबाव में आने या फिर अन्य किसी कारण से जांच सही तरीके से न हो पाने के खतरे से बचने के लिए बेहतर यही होगा कि जांच अदालत की निगरानी में हो।
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