त्योहारों का मौसम चल रहा है और रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ उमड़ने लगी है। भीड़ प्रबंधन और यात्रियों को समुचित सुरक्षा प्रदान करना चुनौती भरा काम है। इसके लिए रेलवे प्रशासन की ओर से तैयारी शुरू हो गई है।
अतिरिक्त जवानों की तैनाती के साथ ही सीसीटीवी कैमरों से स्टेशन परिसरों की निगरानी की जा रही है। सुरक्षा-व्यवस्था में कोई कमी न रह जाए, इसके लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) के जवानों व अधिकारियों की छुट्टी तत्काल प्रभाव से रद कर दी गई है। उन्हें पूरे त्योहार के दौरान ड्यूटी देनी होगी।
दशहरा के बाद रेलवे स्टेशनों पर दिवाली और छठ पूजा को लेकर यात्रियों की उमड़ने वाली भीड़ को संभालने के लिए रेल प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। त्योहार के दिनों में लोग अपने परिवार के बीच पहुंच सकें, इसके लिए कई विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। त्योहार के कारण नियमित ट्रेनों में पैर रखने की भी जगह नहीं मिल रही है। आने वाले दिनों में भीड़ और बढ़ेगी।
यात्रियों की भीड़ और विशेष ट्रेनों के परिचालन की वजह से रेल प्रशासन को आरपीएफ और आरपीएसएफ के अतिरिक्त जवानों की तैनाती करनी पड़ रही है। कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी आरपीएफ व आरपीएसएफ की ड्यूटी लगाई गई थी। रेल प्रशासन ने त्योहारी भीड़ को ध्यान में रखकर चुनावी ड्यूटी से 60 कंपनियों को वापस बुला लिया है।
इन्हें रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में तैनात किया जा रहा है। वहीं, आरपीएफ के उपमहानिरीक्षक सुमति शांडिल्य ने 15 अक्टूबर को निर्देश जारी कर आरपीएफ और आरपीएसएफ को त्योहार के दिनों में छुट्टी लेने पर रोक लगा दी है। अति आपातकाल की स्थिति में ही उन्हें अवकाश मिलेगा। इसके लिए उन्हें आरपीएफ के मंडल सुरक्षा आयुक्त (डीएससी), वरिष्ठ डीएससी आदि से अनुमति लेनी होगी।