आयकर विभाग नोटबंदी के दौरान 18 लाख लोगों द्वारा बैंक खातों में 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध जमाओं का सत्यापन कर रहा है और जो लोग इस बारे में उसके एसएमएस व ईमेल सवालों का जवाब नहीं देंगे उन्हें ‘असांविधिक’ पत्र जारी किए जाएंगे. उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद ऑपरेशन क्लीन मनी शुरू किया था.
विभाग का कहना है कि अब तक सात लाख से अधिक लोगों ने इस तरह की जमाओं को स्वीकार किया है. अधिकारियों ने बताया, ‘जवाब देने वाले सात लाख लोगों में से 99 प्रतिशत से अधिक ने स्वीकार किया है कि उक्त आंकड़े सही हैं.’ अधिकारी के अनुसार 18 लाख लोगों को एसएमएस व ईमेल भेजे गए थे इनमें से पांच लाख ने ई फाइलिंग पोर्टल में पंजीकरण नहीं कराया है.
सरकार ने 8 नवंबर 2016 की रात को नोटबंदी की घोषणा की थी और इसके बाद 50 दिन की अवधि में 4.5 लाख करोड़ रुपये की राशि विभिन्न बैंक खातों में जमा करवाई गई. विभाग ने ई फाइलिंग पोर्टल में पंजीकरण नहीं करवाने वाले पांच लाख से अधिक लोगों के बारे में फील्ड अधिकारियों को सूचित किया है. इसके साथ ही जवाब नहीं भेजने वालों के बारे में भी बताया गया है उन्हें पत्र भेजने की तैयारी करने को कहा गया है.
उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग ने नोटबंदी की अवधि के दौरान पांच लाख रुपये से अधिक की बैंक जमा करवाने वाले 18 लाख लोगों को अपने ‘आपरेशन क्लीन मनी’ के तहत एसएमएस तथा ईमेल भेजे थे. इन खाताधारकों से कहा गया था कि वे जमाओं व धन के स्रोत के बारे में 15 फरवरी तक स्पष्टीकरण दें. सरकार ने 8 नवंबर 2016 की रात नोटबंदी की घोषणा की और 1000 रुपये व 500 रुपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal