दिल्ली एंटी करप्शन डिपार्टमेंट ने आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. प्रिवेंशन ऑफ करप्शन के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. अमानतुल्लाह खान के खिलाफ वक्फ बोर्ड में रिक्रूटमेंट में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी. इसके बाद जांच हुई और एफआईआर दर्ज की गई. सरकार की ओर से जो फंड मिला, उसमें भी गड़बड़ी की शिकायत मिली थी.
जुलाई 2019 में हाफिज इरशाद कुरैशी नाम के शख्स ने दिल्ली एंटी करप्शन डिपार्टमेंट में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह के खिलाफ 10 पेज की शिकायत दी थी. शिकायत में वक्फ बोर्ड में गलत तरिके से भर्ती करवाना और वक्फ बोर्ड के लिए मिलने वाले सरकारी फंड की हेर-फेर करने का आरोप लगाया गया था.
शिकायत पर एसीबी ने विस्तृत जांच की और कुछ सबूत भी जुटाए. इसके बाद 18 जनवरी को अमानतुल्लाह के खिलाफ आईपीसी 7 पीसी (प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ) एक्ट और 120बी ( क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी) के तहत एफआईआर दर्ज की.
ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ कुछ दिन पहले एक और मामले में शिकायत दर्ज कराई गई थी. आरोप है कि विधायक अमानतुल्लाह खान ने नागरिकता कानून पर अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में अमातुल्लाह खान भी शामिल रहे हैं. जामिया इलाके में हुई हिंसा मामले में भी अमानतुल्लाह खान का नाम आया था, हालांकि उन्होंने इसका खंडन किया था. शिकायत पर दिल्ली में एफआईआर तो दर्ज नहीं हुई लेकिन दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक मुकदमा दर्ज किया गया.
यूपी पुलिस ने गाजियाबाद के थाना कोतवाली में अमानतुल्लाह खान के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया. 18 दिसंबर 2019 को गाजियाबाद के कोतवाली थाने में दर्ज एफआईआर में अकेले आम आदमी पार्टी विधायक को आरोपी बनाया गया. 15 दिसंबर रविवार के दिन दिल्ली के जामिया नगर इलाके में हुए दंगों में अप्रत्यक्ष रूप से अमानतुल्लाह खान का नाम उभर कर सामने आया था. सीधे कोई सबूत न होने के चलते दिल्ली पुलिस केस दर्ज नहीं कर सकी लेकिन गाजियाबाद में मुकदमा दर्ज किया गया.