दिल्ली में इन दिनों एक ऑडियो मैसेज वायरल हो रहा है जो कांग्रेस की तरफ से कार्यकर्ताओं की रायशुमारी के लिए प्रयास बताया जा रहा है। इसमें पार्टी कार्यकर्ताओं से आप-कांग्रेस गठबंधन पर राय मांगी जा रही है। इस वायरल ऑडियो में दिल्ली के कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको की आवाज बताई जा रही है। इस ऑडियो के बारे में मीडिया में खबर आते ही शीला दीक्षित का पक्ष सामने आ गया है जिससे कांग्रेस के अंदर ही खलबली मच गई है।
दरअसल शीला दीक्षित आप से गठबंधन के लिए किसी हाल में भी तैयार नहीं हैं। वहीं पार्टी के इस सर्वे से यह साफ संदेश जाता है कि पार्टी उनकी राय से अलग जाकर आप से गठबंधन की संभावनाएं तलाश रही है। ऐसे में जब इस बारे में शीला दीक्षित से पूछा गया तो वह बोलीं कि मुझसे पूछे बिना कैसे सर्वे हो सकता है?
वायरल ऑडियो में क्या है?
इस वायरल ऑडियो में जो सवाल सुना जा सकता है वह है, ‘मैं पीसी चाको दिल्ली कांग्रेस का प्रभारी बोल रहा हूं। बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस पार्टी को आम आदमी पार्टी से गठबंधन करना चाहिए? हां के लिए एक दबाएं, ना के लिए दो दबाएं।’
आप-कांग्रेस आ गए साथ तो बीजेपी को होगी परेशानी, 2014 के आंकड़े हैं गवाह
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस इस सर्वे के माध्यम से 52000 पार्टी कार्यकर्ताओं से राय ले रही रही है जो कांग्रेस के शक्ति प्रोजेक्ट से जुड़े रहे हैं। पीसी चाको ने इस बारे में बताया है कि यह सर्वे बुधवार देर शाम शुरू किया गया है।
एक ओर जहां शीला दीक्षित कह रही हैं कि उन्हें इस सर्वे के बारे में पता नहीं है वहीं पीसी चाको का कहना है कि उनकी इस बारे में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व डीपीसीसी चीफ व जिला अध्यक्षों से बात हो गई है, अब हम कार्यकर्ताओं से उनकी राय ले रहे हैं। उनका कहना है कि जल्द इस मसले को सुलझा लिया जाएगा।
आप और कांग्रेस के गठबंधन से बीजेपी को हो सकता है नुकसान, 2014 के वोट प्रतिशत हैं गवाह। दिल्ली की सभी सीटों पर सीटवार देखें 2014 में तीनों पार्टियों के वोट प्रतिशत-
सीट भाजपा आप कांग्रेस
चांदनी चौक 44.6% 30.72% 17.95%
उ.पू. दिल्ली 45.25% 34.31% 16.31%
पूर्वी दिल्ली 47.83% 31.91% 16.99%
नई दिल्ली 46.75% 29.97% 18.86%
उ.प. दिल्ली 46.45% 38.57% 11.61%
दक्षिण दिल्ली 45.17% 35.47% 11.36%
पश्चिम दिल्ली 48.32% 28.4% 14.34%
अगर आप इन आंकड़ों को देखें तो पता चलेगा कि अगर आप और कांग्रेस 2014 में साथ लड़े होते तो भाजपा को एक-एक सीट के लाले पड़ जाते। क्योंकि आप-कांग्रेस का वोट प्रतिशत जोड़ देने पर यह बीजेपी पर भारी पड़ रहे हैं।