आप में से करीब सभी लोग व्हाट्सऐप यूज करते होंगे. इस समय व्हाट्सऐप के यूजर्स की संख्या 1 अरब से ज्यादा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि फ्री में सर्विस देने वाले इस व्हाट्सऐप पर कोई विज्ञापन नहीं दिखते हैं तो फिर इसकी कमाई कैसे होती है और इतनी बड़ी कंपनी कैसे चलती है. चलिए आज हम आपको बताते हैं.
सबसे पहले आपको बता दें कि व्हाट्सऐप अब फेसबुक के कब्जे में है. कंपनी ने व्हाट्सऐप को 2014 में 19 अरब डॉलर में खरीदा था. फेसबुक फॉर्म 10-क्यू के अनुसार, 30 सितंबर, 2014 से पहले के नौ महीनों में व्हाट्सएप ने 12 लाख 89 हजार डॉलर कमाए थे. दरअसल एक समय में कुछ देशों में इस एप को डाउनलोड करने पर व्हाट्सऐप इस्तेमाल करने वाले को लगभग एक डॉलर खर्च होता था. पहले साल के मुफ्त इस्तेमाल के बाद हर आने वाले साल में एक डॉलर लिया जाता था. इस मॉडल के तहत दुनियाभर में लगभग 700 मिलियन यूजर हैं तो इस समय सालाना कमाई को प्रति वर्ष $700 मिलियन अनुमानित किया जा सकता है. लेकिन जनवरी 2016 में फेसबुक ने कहा कि सब्सक्रिप्शन का युग खत्म हो गया और अब कोई भी मैसेजिंग एप का मुफ्त इस्तेमाल कर सकेगा.
हालांकि अनुमान लगाया जाता है कि व्हाट्सएप खरीदने के पीछे फेसबुक का असली मकसद उपयोगकर्ता के व्यवहार के डेटा और व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंचना था, जिसके डेटा से वो अलग तरह से पैसा पैदा कर सके. व्हाट्सएप पर 60 अरब संदेश रोज भेजे जाते हैं. यूजर्स की पूरी फोनबुक तक पहुंच कर फेसबुक ये व्यक्तिगत जानकारी अपने सर्वर पर सहेज कर रखता है. बाद में ये जानकारी कंपनियों को बेचने के काम आती है और माना जाता है कि इसी से उनकी कमाई होती है. दूसरी कंपनियों को आपका डाटा बेचकर भी फेसबुक कमाई कर सकता है और अगर ऐसा होता भी हो तो आप कुछ नहीं कर सकते, क्योंकि ऐप डाउनलोड करते समय आप उसकी शर्तों को मंजूर करते हैं.
वहीं माइक्रो एडवरटाइजिंग के जरिए भी व्हाट्सऐप पैसा बना रहा है. माइक्रो एडवरटाइजिंग की बात करें तो फेसबुक आपके बारे में आपसे ज्यादा जानता है और इसी जानकारी का कंपनी अपनी कमाई में इस्तेमाल करती है. ऐसे में व्हाट्सऐप के डाटा को फेसबुक देख सकता है और आपको सिर्फ और सिर्फ उन्हीं प्रोडक्ट के विज्ञापन देखा सकता है जिन प्रोडक्ट्स की आपको जरूरत है. हालांकि व्हाट्सऐप का दावा है कि वह आपके मैसेज को नहीं पढ़ता है.