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प्राइवेट पार्ट में घाव – कंडोम का अधिक उपयोग करने से प्राइवेट पार्ट में कटाव और छिलन के साथ-साथ दर्दनाक घाव भी होते देखे गये हैं। जिसके चलते प्राइवेट पार्ट में सूजन आ जाती है। जिससे प्राइवेट पार्ट में या गर्भाशय में कैंसर होने का खतरा भी बना रहता है।
लैटेक्स एलर्जी – नंबे प्रतिशत कंडोम लैटेक्स से बनते हैं जो कि रबर पेड़ से प्राप्त होता है लेकिन इस लैटेक्स से कुछ लोगों को एलर्जी होती है, जिससे कि लोगों को छींक, खांसी जैसी बीमारियां हो रही है, यह अस्थमा रोगियों के लिए काफी खतरनाक हो सकता है। हालांकि इस एलर्जी का प्रतिशत बहुत कम है लेकिन इसे हल्के में लेना भारी पड़ सकता है।
खुजली, दर्द और पीड़ा – आमतौर पर जब पति-पत्नी या $क्स पार्टनर कंडोम प्रयोग करते वक्त सफाई का ध्यान नहीं रखते है तो वो खुजली के शिकार हो जाते हैं। महिलाओं पर यह प्रभाव बहुत ज्यादा होता है जो कि दर्द और पीड़ा का पर्याय बनता है।
संक्रमण की समस्या – रोज़ाना कंडोम का इस्तेमाल करने पर प्राईवेट पार्ट चोटिल होता है जो कि कई संक्रमण का कारण बनता है और कई रोगों को जन्म देता है।
अनचाहा गर्भ – वैसे तो कंडोम का प्रयोग हमेशा अनचाहे गर्भ से बचने के लिए किया जाता है लेकिन ऐसा केवल 98 प्रतिशत केसेज में ही होता है इसलिए आपके साथ कोई अनहोनी ना हो इसलिए आप हमेशा फ्रेश कंडोम को प्रयोग करें।