रिश्ते बनाना जितना मुश्किल होता है उसे निभाना उतना ही कठिन भी होता है। इन दिनों लोगों के जीवन मे तेजी से बदलाव होने लगा है। ऐसे में इन बदलावों का इसर उनके रिश्तों पर भी पड़ने लगा है जिसके चलते अक्सर रिश्तो में दूरियां आने लगती हैं। ऐसे में आप इन आसान तरीकों से अपने रिश्ते में आई दरार को भर सकते हैं।
अक्सर एक समय के बाद पति पत्नी के रिश्ते में एक अनकही सी दूरियां आने लगती हैं, जो बातें कभी अच्छी लगा करती थीं, उन्ही बातों पर बहस और लड़ाई होने लगती है। यही कारण है कि आजकल कई रिश्ते कुछ अनसुलझे से रह जाते हैं और कुछ तलाक की राह पर चल देते हैं। ऐसे में ऐसा क्या करें की इस अनचाही कड़वाहट से अपने रिश्ते को दूर करें और अपने आपसी तालमेल को बना कर पति पत्नी के रिश्ते को सदाबहार बनाएं।
इगो किनारे करें
किसी भी रिश्ते को तहस-नहस करने में सबसे पहला कदम होता है रिश्ते में में अहंकार और घमंड का पदार्पण करना। सबसे पहला कदम यही उठाएं कि दोनों ही तरफ से अपने इगो या अहंकार को खत्म करें। समस्या का निवारण आधा से ज्यादा इसी कदम को उठाने से हो जाएगा।
बात करें
बोलें, शेयर करें, लड़ लें, चिल्ला लें, मन को हल्का कर लें, लेकिन शांत हो कर अपनी बात मन में रख कर न जिएं। ऐसे में आपके मन की बात मन तक ही रह जाएगी, आपके अलावा किसी के कानों तक नहीं जाएगी। जब आप पार्टनर से अपनी भावनाओं को शेयर करेंगे तभी बातें खुलती हैं और साथ मे मन की गांठ भी। लेकिन अगर आपको लगता है कि सामने वाला समझने को बिल्कुल तैयार नहीं है, तब आप किसी समझदार इंसान या काउंसलर की मदद भी ले सकते हैं। लेकिन पहली कोशिश यही होनी चाहिए कि अपने रिश्ते के बीच किसी तीसरे को फैसला देने का हक न दें और आपस में ही बात सुलझाएं। अपने पार्टनर की जगह रह कर सोचें और उसके बाद विचार कर के बोलें। बस शांत न हों, क्योंकि इससे दूरी और बढ़ती जाती है।
तोहफे दें
कभी कभी बड़ी से बड़ी गलती का समाधान एक छोटे से गुलाब की महक में छिपा होता है। अपने पार्टनर को स्पेशल महसूस कराएं। उन्हें उनके फेवरेट तोहफे ला कर सरप्राइज दें और उसके बाद उनके चेहरे की रौनक देखें।
दूसरों के सामने मजाक न उड़ाएं
ऐसा अक्सर देखा गया है कि दोस्तों या परिवार वालों के सामने पति-पत्नी एक दूसरे की खिल्ली उड़ाते हैं और इस दौरान वे कुछ ऐसा कह गुजरते हैं, जो तीर की तरह चुभ जाता है। पति-पत्नी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी सामाजिक रूप से एक दूसरे का मजाक न उड़ाए। क्योंकि कुछ मजाक आघात पहुंचाते हैं। उन पर हंसी नहीं आती है। इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें और सामाजिक रूप से हमेशा एक दूसरे की तारीफ करें। सभी कमियों की चर्चा बंद कमरे में करें।
जरूरत से ज्यादा उम्मीद न करें
उम्मीद करना एक बहुत बड़ा रोग हो चुका है, क्योंकि एक हद तक तो उम्मीद करना सुंदर लगता है, पर एक सीमा के बाहर ये बोझ बन जाता है। हमेशा एक-दूसरे के प्रति कृतज्ञ रहें, एक-दूसरे का सम्मान करें और फिर आप पाएंगे कि आपको उम्मीद करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।