आपके जीमेल इनबॉक्स को कोई दूसरा भी पढ़ता है, क्या आपको हैं पता !

जीमेल दुनिया की सबसे ज्यादा यूज की जाने वाली ई-मेल सर्विस है. गूगल की यह ईमेल सर्विस सिक्योर भी मानी जाती है. लेकिन एक ऐसी खबर आ रही है जिसे सुनकर आप परेशान हो सकते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक आपके जीमेल इनबॉक्स में थर्ड पार्टी ऐप्स – यानी ऐसे ऐप्स जिसे गूगल ने नहीं बनाया है और किसी भी डेवेलपर ने बनाया है. ये ऐप्स आपके जीमेल इनबॉक्स में सेंध मार रहे हैं और डेटा एक्सेस कर रहे हैं.

पिछले साल गूगल ने कहा था कि कंपनी विज्ञापनों के लिए यूजर्स के पर्सनल ईमेल स्कैन नहीं करेगी. लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी दूसरे ऐप्स को आपके जीमेल इनबॉक्स में ताक झाक करने का ऑप्शन देती है. आइए समझते हैं ये कैसे होता है.

कुछ ऐसा ही मामला हाल ही में फेसबुक के साथ हुआ जहां कैंब्रिज ऐनालिटिका डेटा स्कैंडल हुआ. यहां भी इसका जिम्मेदार एक थर्ड पार्टी ऐप ही था जिसे फेसबुक ने इजाजत दी थी.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे 100 सॉफ्टवेयर डेवलपर्स हैं जिन्होंने आपके संवेदनशील ईमेल में सेंध लगाया होगा. इस रिपोर्ट मे यह भी कहा गया है कि ऐसा ऐल्गोरिद्म नहीं कर रहा है, बल्कि इसके पीछे कई शख्स हैं जो ऐसा कर रहे हैं.

इस रिपोर्ट में दो ऐप्स का ज़िक्र है. इनमें से एक रिटर्न पाथ नाम का ऐप है जो यूजर के इनबॉक्स को अनालाइज करता है और मार्केटर्स के लिए यूजर डेटा कलेक्ट करता है. वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस ऐप में काम करने वाले कर्माचारी यूजर्स का पर्सनल ईमेल पढ़ते हैं और दे साल पहले इन्होंने 8 हजार यूजर्स के ईमेल पढ़ें हैं और इसके पीछे का तर्क ये है कि ऐसा करके वो कंपनी के लिए सॉफ्टवेयर डेवेलप कर सकते है.

दूसरे सॉफ्टवेयर का नाम एडिशन है जो लोगों को ईमेल मैनेज करने में मदद करता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस ऐप में काम करने वाले कर्मचारी हजारों ईमेल्स पढ़ते हैं ताकि वो स्मार्ट रिप्लाई फीचर को बेहतर तरीके से ट्रेन कर सकें.

सवाल ये है कि क्या इन दोनों ऐप्स या कोई और भी ऐप बिना आपकी इजाजत ऐसा करता है? नहीं. गूगल और ये ऐप्स इंस्टॉल होने से पहले आपसे परमिशन मांगते हैं और आप इन्हें इजाजत देते हैं. लेकिन इस रिपोर्ट मे इस बात की तरफ ध्यान दिलाया गया है कि थर्ड पार्टी डेवेलपर्स के साथ उनके कर्मचारी भी आपके संवेदनशील ईमेल पढ़ सकते हैं.

गूगल के एक प्रवक्ता ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया है कि जहां भी उन्हें किसी ऐप डेवेलपर को लेकर कोई संदेह या उसकी पॉलिसी को लेकर संदेह होता है और वो क्लियर नहीं होती हैं तो कंपनी डेवेलपर पर ऐक्शन लेती है.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com