आदित्यनाथ को लेकर विदेशी मीडिया ने कहा, उन्होंने मुस्लिम संबंधी इस फैसले का किया था समर्थन

योगी आदित्यनाथ भगवा वस्त्र धारण करने वाले एक हिंदू पुजारी हैं. पांच बार से सांसद चुने जा रहे इस नेता के खिलाफ दर्जनों मुकदमें दर्ज हैं, जिसमें हत्या जैसे गंभीर मामले भी हैं. इनपर मुस्लिमों को नुकसान पहुंचाने के लिए समर्थकों को उकसाने और हिंदुओं को भड़काने वाले बयान देने के भी आरोप हैं. शनिवार को आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा के साथ ही बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ संकेत दे दिया है कि वे 2019 के आम चुनाव को देखते हुए हिंदुओं का ध्रुवीकरण कर रहे हैं. आदित्यनाथ ने डोनाल्ड ट्रंप के सात मुस्लिम देशों के नागरिकों की अमेरिका में एंट्री बैन के फैसले का समर्थन किया था. 

रविवार को भारत के टाइम्स ऑफ इंडिया ने आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने की खबर को ‘कट्टर हिंदुत्व छवि’ वाले शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी. खबर में ये भी कहा गया था कि उनमें योग्यता के नाम पर केवल हिंदू राष्ट्रवाद है. टाइम्स ने लिखा है कि पीएम मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने साफ संकेत दे दिए हैं कि उनकी पार्टी अपने मूल सिद्धांत ‘हिंदूत्व’ से अलग नहीं होना चाहती है.

‘द वाशिंगटन पोस्ट’ के मुताबिक 44 वर्षीय आदित्यनाथ 26 वर्ष की उम्र में पहली बार जब सांसद बने थे तब उनकी पहचान गोरखनाथ मंदिर के एक संन्यासी के रूप में थी. इसके बाद ये अपनी विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहने लगे. साल 2014 में इन्होंने मस्जिदों में हिंदू देवी-देवताओं को स्थापित करने और भारत से गैर हिंदूओं को बाहर करने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि यह भारत सहित पूरे विश्व के लिए हिंदुत्व की सदी है.

आदित्यनाथ ने कहा था कि टेरेसा भारत में ईसाईकरण की साजिश का हिस्सा थीं. वे अभिनेता शाहरुख खान की तुलना आतंकी से कर चुके हैं. एक रैली में आदित्यनाथ ने कहा था कि अगर एक हिंदू लड़की से कोई मुसलमान शादी करेगा तो हम 10 मुस्लिम लड़कियों से बदला लेंगे. इतना ही नहीं, अगर कोई मुस्लिम किसी एक हिंदू की हत्या करेगा तो हम 100 मुसलमानों को मौत के घाट उतार देंगे.

साल 2007 में हिंदू-मुस्लिम तनाव के बाद इस शख्स के संवेदनशील इलाके में जाने पर रोक लगा दी थी. आदेश की अवहेलना के आरोप में आदित्यनाथ 11 दिनों तक जेल में भी रह चुके हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नामांकन के दौरान हलफनामे में दी गई जानकारी के अनुसार आदित्यनाथ पर 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें हत्या का प्रयास, आपराधिक धमकी और दंगा मामले का भी आरोप है.

इस बार विधानसभा चुनाव की रैलियों में योगी आदित्यनाथ के समर्थक मुसलमानों को देश छोड़ने के नारे लगाते देखे गए थे. आदित्यनाथ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों की एंट्री बैन करने के फैसले का भी समर्थन किया था. साथ ही उसने इस फैसले को भारत में लागू करने की भी मांग की थी.

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 403 में से 325 सीटें बीजेपी और उसके सहयोगियों को मिलने का श्रेय भी आदित्यनाथ को जाता है. उत्तर प्रदेश का आकार करीब-करीब ब्राजील के बराबर है, जहां 220 मिलियन (22 करोड़) लोग रहते हैं. इस राज्य में हिंदू-मुस्लिम दंगे का पुराना इतिहास रहा है. साल 2013 में दो समुदायों के बीच हुए टकराव में करीब 60 लोगों की जान गई थी और करीब एक हजार से ज्यादा लोग बेघर हुए थे.

जानकारों का कहना है कि चुनाव प्रचार में बीजेपी ने गौ हत्या पर रोक और लंबे समय से चले रहे अयोध्या के विवादित जगह पर मंदिर निर्माण का वादा किया था. अब लोगों की इस बात पर नजर रहेगी कि चुनाव प्रचार के दौरान किए गए वादों को आदित्यनाथ पूरा करेंगे या नहीं. शनिवार को बीजेपी के कट्टर समर्थकों ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री के पद पर बिठाने के लिए पीएम मोदी को शुक्रिया कहा है. आदित्यनाथ ने सत्ता संभालने के बाद कहा, ‘मैं उत्तर प्रदेश में मोदी के लक्ष्य ‘सबका साथ सबका विकास’ को लागू करवाउंगा.

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