जम्मू-कश्मीर निवासी तहसीन गुल चितकारा यूनिवर्सिटी कसौली में पढ़ता था। एक एनकाउंटर में आतंकवादी की मौत के बाद याची ने फेसबुक पर लिखा था कि अल्लाह आपकी शहादत कबूल करे। यूनिवर्सिटी के ही एक पूर्व अधिकारी ने पुलिस को इसकी शिकायत दी थी।
किसी की आत्मा के लिए दुआ करना अपराध नहीं है, फिर भले ही दुआ किसी आतंकी की आत्मा की शांति के लिए मांगी गई हो। हाईकोर्ट ने आतंकी के एनकाउंटर के बाद उसकी आत्मा के लिए फेसबुक पर दुआ मांगने के मामले में छात्र के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की है।
याचिका दाखिल करते हुए जम्मू-कश्मीर निवासी तहसीन गुल ने एडवोकेट मोहम्मद अरशद के माध्यम से हाईकोर्ट को बताया कि वह चितकारा यूनिवर्सिटी कसौली में पढ़ता था। एक एनकाउंटर में व्यक्ति की मौत हुई थी जिसे आतंकवादी बताया गया था। याची ने फेसबुक पर लिखा था कि अल्लाह आपकी शहादत कबूल करे। इसके चलते यूनिवर्सिटी के ही एक पूर्व अधिकारी ने उसके खिलाफ पुलिस को शिकायत दी थी और कसौली पुलिस ने 2019 में एफआईआर दर्ज की थी।
हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि याची ने केवल फेसबुक पर पोस्ट करके आतंकी की आत्मा की शांति की दुआ मांगी थी, ऐसा करना कोई अपराध नहीं है। इसके अतिरिक्त याची ने ऐसा कुछ भी नहीं लिखा जिसे आतंक का महिमा मंडन कहा जा सके। इसके अतिरिक्त याची ने ऐसा कुछ भी नहीं लिखा जिससे शांति और कानून व्यवस्था प्रभावित हो। ऐसे में हाईकोर्ट ने इस मामले में दर्ज एफआईआर और उससे जुड़ी सभी कार्रवाई को रद्द करने का आदेश दिया है।