हर महीने रखा जाने वाला एकादशी व्रत इस महीने 7 अप्रैल को है। वैसे आप सभी जानते ही होंगे शास्त्रों में इस व्रत को काफी श्रेष्ठ व्रतों में से एक माना जाता है। यह व्रत महीने में दो बार आता है, इसमें एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में आता है। आप जानते ही होंगे सभी एकादशी का अलग नाम और महत्व होता है। चैत्र के महीने में कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहते हैं। अब इस बार पापमोचनी एकादशी 7 अप्रैल को पड़ रही है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं पापमोचनी एकादशी से जुड़ी 5 खास बातें।
1. कहा जाता है सभी एकादशी विष्णु भगवान को समर्पित हैं, लेकिन पापमोचनी एकादशी के दिन श्रीहरि के चतुर्भज रूप की पूजा करने का विधान है।
2. कहते हैं इस एकादशी को दुख और पाप हरने वाली एकादशी कहते हैं और इस दिन तन मन की शुद्धता के साथ गीता का पाठ और दान पुण्य करना शुभ होता है। ऐसा करने से नारायण के साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा मिलती है।
3. कहा जाता है किसी भी एकादशी व्रत के नियम दशमी में सूर्यास्त के बाद से ही लागू हो जाते हैं। ध्यान रहे इस व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर पीले वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए।
4. कहा जाता है पापमोचनी एकादशी व्रत को रखने से हजार गायों के दान के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है।
5. पद्म पुराण को माने तो पापमोचनी एकादशी का व्रत बेहद फलदायी है। इस व्रत को रखने से भगवान विष्णु की असीम कृपा मिलती है। इस दिन भगवान को तुलसी जरूर अर्पित करें।