बाबरी विध्वंस मामले में लखनऊ की विशेष अदालत का फैसला आ गया है. इस फैसले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत कुल 32 लोगों को बरी कर दिया गया है. फैसले के बाद बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी ने बयान दिया और अदालत के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन एक ऐतिहासिक पल था.
बीजेपी नेता ने कहा कि अदालत ने आज एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाया, मैं तमाम अधिवक्ताओं को जिन्होंने शुरुआत के दिन से ही हर स्तर पर इस मामले में सही तथ्यों को न्यायलय के सामने रखा. ये उनकी परिश्रम से और लोगों की गवाही से ये फैसला सामने आया है.
मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन एक काफी अहम वक्त था, इसका उद्देश्य देश की मर्यादाओं को सामने रखना था. अब राम मंदिर का निर्माण भी होने जा रहा है, जय जय सिया राम, सबको सन्मति दे भगवान.
देश के रक्षा मंत्री और भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने भी फैसले पर खुशी जताई. राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, डा. मुरली मनोहर जोशी, उमाजी समेत 32 लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूं. इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है.
इस फैसले पर लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया है.
यूपी सीएम ने कहा कि यह फैसला स्पष्ट करता है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर वोट बैंक की राजनीति के लिए देश के पूज्य संतों भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, विश्व हिंदू परिषद से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं समाज से जुड़े विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों को बदनाम करने की नीयत से से उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाकर बदनाम किया गया. मुख्यमंत्री योगी ने कहा, इस षड्यंत्र के लिए जिम्मेदार देश की जनता से माफी मांगें.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस फैसले पर ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, किंतु पराजित नहीं. आज एक बार फिर सत्य की जीत हुई है, भारतीय न्यायपालिका की जय!