यह पोर्ट रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसके जरिये भारत पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश किए बगैर अफगानिस्तान के साथ मध्य एशिया के देशों से सीधा संपर्क जोड़ पाएगा। विदेश मंत्रालय ने रूहानी की भारत यात्रा की जानकारी देते हुए इसे बेहद महत्वपूर्ण बताया।
मंत्रालय के मुताबिक इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई द्विपक्षीय मामलों के अलावा इंटरनेशनल मामलों पर भी बातचीत होगी। खासतौर पर भारत आतंकवाद के मामले को लेकर अपने रुख पर ईरान का समर्थन हासिल करना चाहेगा।
आ सकता है कुलभूषण मामला
पाकिस्तान में फांसी की सजा पाए कुलभूषण जाधव के मामले में भी इस दौरे पर चर्चा हो सकती है। गौरतलब है कि भारत ने पाकिस्तान पर जाधव का ईरान से अपहरण करने का आरोप लगाया है। जाधव का ईरान में व्यापार था। भारत इस मामले में ईरान के हस्तक्षेप की भी गुंजाइश तलाशेगा।
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