इस दिन मां सरस्वती का पूजन करने से जीवन से अज्ञान का अंधकार मिटता है और ज्ञान का उदय होता है। इस दिन स्कूल कॉलेजों में भी सरस्वती पूजन संपन्न् किया जाता है। इस बार बसंत पंचमी 10 फरवरी रविवार को आ रही है। पंचमी तिथि 9 फरवरी को दोपहर 12.25 बजे प्रारंभ होकर 10 फरवरी को दोपहर 2.08 बजे तक रहेगी। बसंत पंचमी के दिन पड़ने वाला स्वयंसिद्ध मुहूर्त जहां विवाह समेत समस्त शुभ कार्यों के लिए सर्वोत्तम माना जाता है, वहीं यह दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा का दिन भी है। इसे श्री पंचमी और वागीश्वरी जयंती के नाम से भी जाना जाता है।

इस दिन सर्वार्थसिद्ध योग और रवियोग भी बन रहा है जिसमें मां सरस्वती का पूजन करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा। सरस्वती से जुड़े उपाय जो बच्चों को बनाते हैं तेज -बसंत पंचमी के दिन बच्चों की कुशाग्र बुद्धि, अच्छी शिक्षा और ज्ञान प्राप्ति के लिए कई उपाय किए जाते हैं। आइए जानते हैं इस दिन मां सरस्वती से जुड़े कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं। – बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा से बौद्धिक विकास होता है।
इस दिन नवजात बच्चे जिनकी यह पहली बसंत पंचमी हो उनकी जीभ पर चांदी की सलाई से शहद से ऊं ऐं मंत्र लिखें। इससे बच्चे की वाणी में शुद्धता आती है। बौद्धिक विकास होता है और उसको शिक्षा के क्षेत्र में विशेष सफलता प्राप्त होती है। ऐसे विकसित होगा बच्चे का बौद्धिक कौशल – जो बच्चे थोड़े बड़े हो गए हों। तीन साल से कम उम्र के हों उनके हाथ से कॉपी पर लाल रंग की स्याही से ऊं ऐं मंत्र लिखवाएं और सरस्वती मां का पूजन करें। इससे बच्चे का बौद्धिक कौशल विकसित होता है।
मां सरस्वती वाणी की देवी भी हैं। जो बच्चे बोलने में हकलाते हैं, किसी प्रकार का वाणी दोष है तो बसंत पंचमी के दिन उनकी जीभ पर केसर से चांदी की सलाई से मां सरस्वती का बीज मंत्र ऐं लिख दें। इससे वाणी से जुड़े दोष दूर होंगे और बच्चा ओजस्वी वक्ता बनेगा। ऐसे करें सरस्वती का पूजन – बसंत पंचमी के दिन पीले पुष्पों से मां सरस्वती का पूजन करें। पीले रंग की मिठाई का नैवेद्य लगाएं और सरस्वती के मंत्र ऊं ऐं का 11 या 21 माला जाप करने से मस्तिष्क के विकार दूर होते हैं और वाणी में शुद्धता आती है।
जिन बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता उनके लिए अभिभावक बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजन करें। बीज मंत्र ऐं का 51 माला जाप करें और इस दौरान अपने सामने एक चांदी की कटोरी में शुद्ध जल भरकर रखें। मंत्र माला पूरी हो जाने के बाद यह जल प्रतिदिन बच्चे को पिलाएं। इस दिन बच्चों के हाथ से मां सरस्वती को हरे रंग के फल भेंट करवाएं। इस दिन भेंट करें शिक्षण सामग्री
इस दिन गरीब बच्चों को कॉपी, पेन, स्लेट, स्कूल बैग समेत शिक्षण सामग्री भेंट करना चाहिए। – मां सरस्वती संगीत की देवी भी हैं। संगीतज्ञ, गायक इस दिन विधि विधान से देवी सरस्वती की पूजा करें। इससे उन्हें अपने मुकाम तक पहुंचने में मदद मिलेगी। – इस दिन घर में मोर पंख लाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे बच्चों के स्टडी रूम में रखना चाहिए।
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