नई दिल्ली। विश्वस्तरीय परिवहन सुविधा देकर दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुकी दिल्ली मेट्रो देश में पहली बार चालकरहित स्वचालित मेट्रो ट्रेनों का परिचालन करने के लिए भी तैयार है।
मंगलवार को मुकुंदपुर डिपो से मजलिस पार्क स्टेशन के बीच पहली चालकरहित स्वचालित मेट्रो ट्रेन का ट्रायल होगा। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शाम 5.30 बजे हरी झंडी दिखाकर मेट्रो ट्रेन को रवाना करेंगे। हालांकि अभी ट्रायल के लिए दूरी काफी कम रखी गई है।
जुलाई से जनकपुरी पश्चिम-बॉटेनिकल गार्डन (नोएडा) मेट्रो लाइन (38 किमी लंबा) और सितंबर से मजलिस पार्क-शिव विहार मेट्रो लाइन (58 किमी लंबा) पर चरणबद्ध तरीके से इन नई ट्रेनों का ट्रायल शुरू करने की योजना है।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने अप्रैल में घोषणा की थी कि जुलाई में सबसे पहले नोएडा स्थित बॉटेनिकल गार्डन से दिल्ली के कालकाजी मेट्रो स्टेशन के बीच इन ट्रेनों का ट्रायल होगा। वैसे ये सन् 2017 से पूरी तरह कार्य करने लगेंगी।
वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं
- इको फ्रेंडली कोच, एक साल तक ड्राइवर भी रहेगा साथ, एक साल बाद ट्रायल में खरा उतरने पर इन्हें पूरी तरह स्वचालित कर दिया जाएगा।
- 16 ट्रेनें तैयार, कुल 81 आएंगी, कंप्यूटर से होंगी ऑपरेट
- नई ट्रेन अभी चल रही मेट्रो ट्रेन से 10 प्रतिशत अधिक तेज और 20 प्रतिशत अधिक एनर्जी इफिशिएंट हैं।
- ये नई ट्रेनें अपग्रेडेड हैं और इको फ्रेंडली हैं।
- नई ट्रेनों में से 20 दक्षिण कोरिया के चांगवान में बनाई गई हैं, जबकि बाकी 61 पर बेंगलुरु स्थित भारत अर्थ मूवर्स में काम चल रहा है।
- इनकी अधिकतम रफ्तार 95 किमी प्रति घंटा है, चलेंगी 85 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से।
- ये ट्रेनें यूटीओ मोड में चलेंगी और दिल्ली मेट्रो के ऑपरेशनल कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) से ऑपरेट की जाएंगी।
- ट्रेन के भीतर और बाहर लगे होंगे कैमरे। आगे की ओर दो कैमरे होंगे, जिनसे ट्रैक पर नजर रखी जाएगी और सुसाइड जैसी स्थिति में ट्रेन रोकी जा सकेगी। इन्हें सीधे ओसीसी में देखा जा सकेगा।
- हर डोअर पेनल पर डायनेमिक रूट मेप लगा होगा, इससे यात्री स्थान जान सकेंगे।
- 230 वोल्टेज के चार्जिंग सॉकेट समेत अब यूएसबी स्लॉट भी उपलब्ध होंगे, ताकि मोबाइल चार्ज किया जा सके।
- एलईडी लाइट और एयर कंडीशनर सिस्टम से लैस होंगे ये कोच।
- ट्रेन में ब्रेक लगने पर भी ऊर्जा उत्पादन होगा। इससे एयर कंडीशनर को चलाने में मदद मिलेगी।
- हर कोच में 18.5 इंच की एलसीडी स्क्रीन लगी होगी, जिस पर ऑडियो-विजुअल संदेश और विज्ञापन चलेंगे।
- अलग-अलग कलर के लिए इनमें फाइबर की सीटें लगाई गई हैं।
- ट्रेन में नीचे की ओर ऑब्सेक्टशन डिफ्लेक्शन डिवाइस लगा होगा, जो ट्रैक पर आई छोटी-मोटी अड़चनें दूर करेगा। इससे ट्रेन पटरी से नहीं उतरेगी।
- अब हर कोच में 380 यात्री बैठ सकेंगे। इस तरह छह कोच की ट्रेन में 2280 यात्री एक साथ सफर कर सकेंगे। सामान्य मेट्रो से 240 ज्यादा।
- कोच में शुरू और आखिर में महिलाओं की सीट होगी। इनका रंग पिंक होगा। रिजर्व सीट अधिक गहरे रंग की होगी।
- दुनिया में यहां चल रही ड्राइवरलेस मेट्रो – कोपेनहेगन मेट्रो – रोम मेट्रो – मिलान मेट्रो – पेरिस मेट्रो – वैंकूअर स्काई ट्रेन – लिमा मेट्रो – दुबई मेट्रो – अंकारा मेट्रो।