भारत और चीन के बीच मई से बॉर्डर पर शुरू हुआ तनाव अभी थमा नहीं है. इस बीच आज चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत लेह के दौरे पर जाएंगे.
यहां बिपिन रावत स्थानीय अधिकारियों से मुलाकात करेंगे, जमीनी हालात को जानेंगे और घायल जवानों से मुलाकात भी करेंगे. पहले इस दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी जाना था, लेकिन उनका दौरा अभी के लिए टाल दिया गया है.
बिपिन रावत आज जब लेह पहुंचेंगे, तो वो नॉर्थ आर्मी कमांड, 14 कॉर्प्स के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इस दौरान बीते दिनों के डेवेलपमेंट, बॉर्डर पर चीनी सेना की तैनाती, भारतीय सेना की तैयारियों को लेकर मंथन करेंगे. बता दें कि इससे पहले सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे ने भी लद्दाख के फॉरवर्ड पोस्ट का दौरा किया था.
आपको बता दें कि मई की शुरुआत में दोनों देशों की सेनाओं के बीच शुरू हुआ स्टैंड ऑफ अभी भी थमा नहीं है. दोनों देशों की सेनाएं वक्त-वक्त पर बातचीत कर रही हैं, जिसमें पीछे हटने को लेकर मंथन किया जा रहा है.
लेकिन अभी तक किसी भी तरह कोई एक स्टैंड पर नहीं आ पाया है. 15 जून को बातचीत के बाद ही गश्त के दौरान भारत और चीनी सैनिकों के बीच भिड़ंत हो गई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे.
बॉर्डर पर जारी लगातार डेवलेपमेंट के बीच भारत अपनी मौजूदगी को बढ़ा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, भारत ने लद्दाख में स्पेशल फोर्सेज की तैनाती की है.
देश के अलग-अलग स्थानों से पैरा स्पेशल फोर्स की यूनिट को लद्दाख में ले जाया गया है, जहां वे अभ्यास कर रहे हैं. अगर जरूरत पड़ी तो उनका इस्तेमाल चीन के खिलाफ भी किया जा सकता है. ये वही फोर्स है जिसने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी.
इसके अलावा पहले से ही थल सेना और वायुसेना लगातार लेह, लद्दाख इलाके में अभ्यास कर रहे हैं और चीन की हर गतिविधि पर नज़र रख रहे हैं.
भारत की ओर से चीन से अभी सैन्य और डिप्लोमैटिक स्तर पर बात की जा रही है. भारत की मांग है कि अप्रैल से पहले की स्थिति को लागू किया जाए और चीन फिर फिंगर 8 से पीछे वापस जाए. हालांकि, चीन अभी तक अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है.