यही नहीं उन्होंने कहा कि जिन्होंने भी शादी नहीं की है वे कुंठित हो जाते हैं। वहीं किताब के जरिए गोविंदा पर राज्यपाल की टिप्पणी के मसले पर उन्होंने कहा कि भाजपा से उनके करीबी रिश्ते हैं। आरएसएस का वे अभिन्न हिस्सा हैं। दो साल से केंद्र में भाजपा की सरकार है फिर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। इस मामले में राज्यपाल की चुप्पी केंद्र पर सवाल उठाती है।
आजम मंगलवार की शाम सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महामहिम से उनकी कोई नाराजगी नहीं है। वे बुजुर्ग है और उनका वे पूरा सम्मान करते हैं। कहा, थोड़े नाराज हैं मगर उन्हें मना लिया जाएगा।
एक सवाल के जवाब में कहा कि महामहिम को उनके सेक्रेटरी को यह बताना चाहिए था कि विधानसभा में हर कोई सदस्य के हैसियत से हैं न कि मंत्री के। कोई भी सदस्य राजभवन से नहीं जनता से सीधे चुनकर विधानसभा पहुंचा है। अगर किसी प्रस्ताव पर राजभवन हस्ताक्षर नहीं करेगा तो इससे जनता का नुकसान होगा, इस बात को हम विधानसभा में नहीं कहेंगे तो कहा जाकर कहेंगे।