पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान ने कहा कि मुसलमानों के साथ ही दलितों, पिछ्डों को भी एकजुट करेंगे। उन्होंने कहा कि देश में आज गृह युद्ध जैसे हालात बन रहे हैं, मुलमानों को अपमानित किया जा रहा है। भारत सरकार के मंत्री आग लगाने का काम कर रहे हैं। अयोध्या में राम मंदिर के मसले पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। 1992 में जब मस्जिद तोड़ी गई थी तब किसी ने कहां विरोध किया था, उस पर पक्की तामीर रोकने के लिए कौन कह रहा है।
आजम की सरकार से उम्मीदें
- 10 करोड़ युवाओं को नौकरी मिले
- जीएसटी सरलीकरण होना चाहिए
- नोटबंदी से नुकसान की भरपाई हो
शिवपाल पर सवाल टाले, अमर पर कुछ नहीं बोले
सपा में चल रहे बिखराव पर आजम ने कहा कि दो कश्ती पर सवार नहीं होंगे, पार्टी में पूरी अहमियत मिल रही है, कश्ती डूबेगी तो हम भी डूबेंगे। शिवपाल सिंह यादव के अलग पार्टी बनाने के सवाल को मुस्करा कर टाल गए। अमर सिंह से जुड़े सवाल पर भी कुछ नहीं बोले। यह पूछने पर क्या लोकसभा चुनाव में अधिक मुसलमानों को टिकट देने का दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है, पर मुस्कारते हुए कहा कि अभी तो पार्टी में पूरी अहमियत मिल रही है। जिसे कह देंगे, उसे टिकट मिलता है।
देश में गृह युद्ध जैसे हालात
मशवराती काउंसिल की मंगलवार रात तक बंद कमरे में हुई मीटिंग के बाद बुधवार दोपहर पूर्व मंत्री आबिद रजा के आवास पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए आजम खान ने कहा कि 10 करोड़ युवाओं को नौकरी मिलनी चाहिए, जीएसटी सरलीकरण होना चाहिए, नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई होनी चाहिए