मोर को राष्ट्रीय पक्षी इसलिए घोषित किया, क्योंकि मोर आजीवन ब्रह्मचारी रहता है। इसके जो आंसू आते हैं, मोरनी उसे चुग कर गर्भवती होती है। मोर कभी भी मोरनी के साथ सेक्स नहीं करता।
मोर पंख को भगवान कृष्ण ने इसलिए लगाया क्योंकि वह ब्रह्मचारी है। साधु संत भी इसलिए मोर पंख का इस्तेमाल करते हैं। ठीक इसी तरह गाय के अंदर भी इतने गुण हैं कि उसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए।
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गाय को भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित करने की बात कई बार होती रही, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी हाई कोर्ट ने अपने फैसले में इस बात की अनुशंसा की है। राजस्थान उच्च न्यायालय के जज न्यायमूर्ति महेश चंद्र शर्मा सिविल, आपराधिक और राजस्व मामलों के विशेषज्ञ हैं। लेकिन उनका यह आखिरी फैसला चर्चा और विवाद का विषय बना हुआ है।