आप सब ने कई बार लोगों को सरदार भाइयों का मजाक उड़ाते हुए सुना या देखा होगा कि ‘ओये सरदार! 12 बज गए।’ साथ ही यह कहते भी सुना होगा कि सरदारों का दिमाग 12 बजे खराब हो जाता है। सरदारों का 12 बजे कनेक्शन की ठोस वजह जाने बिना किसी को कोई हक़ नहीं है सरदार भाइयों का खुलेआम मजाक बनाने का।
तो चलिए आज हम आपको बताते है, सरदारों का 12 बजे से क्या रिश्ता है। हमे पूरा विश्वास है की पूरी कहानी जानने के बाद आप जरूर कहेंगे “ओये सरदार ! 12 बज गए। मुझे तुझ पर गर्व है।“
सन 1739 में नादिर शाह नें जब भारत पर हमला किया था तब वो बड़ी मात्रा में खजाने के साथ करीब 2200 भारतीय महिलाओं को बंदी बना कर अपने साथ ले जाने वाला था। परन्तु नादिर शाह के इस हमले की खबर सरदार जस्सा सिंह के पास पहुंची। वे उस समय सिक्ख सेना के सेनापति थे।
इस घटना के बाद भारत पर कई अन्य ईरानी व अरबी लुटेरों ने हमले किये। हर बार जब भी ऐसा कोई हमला होता तो सरदारों की टोली मध्यरात्रि 12 बजे हमला कर लुटेरों को मार गिराती और भारतीयों के हितों की रक्षा करती।