आखिर क्यों पहली सर्जिकल स्ट्राइक से ज्यादा दमदार है ये हमला, जानिए इसकी वजह

पुलवामा हमले के 12 दिन बाद ही भारत ने सीआरपीएफ के शहीद जवानों की मौत का बदला ले लिया, वो भी बड़ा। आज तड़के साढ़े तीन बजे भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 फायटर जेट्स ने एलओसी के पार जाकर पीओके के मुजफ्फराबाद और चिकोटी में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी कैपों को नेस्तानबूद कर दिया।

ये उरी के आर्मी बेस में हुए आतंकी हमले के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक से भी बड़ा हमला है। इसकी कई वजहें हैं।

– पहली 2016 में उरी के ब्रिगेड हेडक्वार्टर में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना के स्पेशल पैरा कमांडो ने 29 सितंबर को कुपवाड़ा और पूंछ के पास एलओसी पर इस हमले को अंजाम दिया था। लेकिन मंगलवार को हुआ हवाई हमला पीओके के साथ ही पाकिस्तानी सीमा में जाकर किया गया है।

– 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के बाद ये पहला मौका है, जब भारतीय वायुसेना के फायटर ने पाकिस्तानी एयरस्पेस का उल्लंघन करते हुए हवाई हमला किया है। ऐसा 1999 में करगिल युद्ध के दौरान भी नहीं किया गया था। इसके पीछे की वजह साफ है कि कोई भी मुल्क, केवल भारत नहीं, विदेशी धरती पर इस तरह की एयर स्ट्राइक को करने से हिचकता है। क्योंकि विदेशी जमीन पर इस तरह के हवाई हमले को युद्ध से जोड़कर देखा जाता है। इसके बाद भी भारत ने इस पर ये पराक्रम दिखाया है।

-वहीं सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 पहली स्ट्राइक से इसलिए भी बड़ी है, क्योंकि इस बार आंतक के अड्डों को बर्बाद करने के बम गिराए गए हैं, वो पिछली स्ट्राइक में इस्तेमाल हुए हथियार और हमले से कहीं बड़ा है। भारतीय वायुसेना के फायटर जेट्स ने 1000 किलो लेजर गाइडेड वजनी बम गिराए हैं। इस हमले में 200 से ज्यादा आतंकियों की मौत की खबर आ रही है। जहां पिछली सर्जिकल स्ट्राइक में पचास से ज्यादा आतंकियों की मौत की बात सामने आई थी। वहीं इस बार का आंकड़ा कहीं ज्यादा है। ये अलग बात है कि इसकी अभी औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है।

-ये हमला एलओसी के पार जाकर उस वक्त हुआ है, जब पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान की वायुसेना हाई अलर्ट पर थी। ऐसे में पाकिस्तान के घर में घुसकर ये हमला करना। वाकई किसी पराक्रम से कम नहीं है। क्योंकि दो दिन पहले ही पाकिस्तान के एयर चीफ मार्शल मुजाहिद अनवर खान का बयान आया था कि, हम दुश्मन की किसी भी हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

इस हमले ने साफ कर दिया कि भारत केवल आतंक के अड्डों पर ही सर्जिकल स्ट्राइक नहीं कर सकता। बल्कि पाकिस्तान के पूरी तरह अलर्ट रहने के बाद भी माकूल तैयारी से उनकी सीमा में जाकर मुंहतोड़ जवाब दे सकता है। इसकी अहमियत उरी के बाद हुई पहली सर्जिकल स्ट्राइक से इसलिए भी ज्यादा है। क्योंकि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमराम खान ने भारत को गीदड़भभकी दी थी कि,अगर भारत ने हम पर हमला किया तो हम चुप नहीं बैठेंगे। लेकिन पीएम इमरान खान के इस बयान के बाद भारतीय वायसेना ने अपना जौहर दिखाकर सबकी बोलती बंद कर दी है।

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