डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट लगातार जारी है. रुपया 67.37 पर पहुंच गया है, जो पिछले 15 महीने का सबसे निचला स्तर है. बीते एक सप्ताह से रुपया लगातार गिरावट के नए कीर्तिमान बना रहा है. ऐसे में यह सवाल उठना वाजिब है कि आखिर रुपया क्यों गिर रहा है? आइए इसके कारणों को जानते हैं.
बता दें कि रुपए के गिरने की सबसे बड़ी वजह कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि होना है.पता ही है कि कच्चा तेल खरीदने के लिए डॉलर में भुगतान करना पड़ता है अर्थात तेल डॉलर को पी रहा है और रुपया पानी मांग रहा है.यूँ तो कुछ समय से लगातार कच्चे तेल के दामों में तेजी आ रही है.
हाल ही में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ परमाणु समझौते तोड़ने को घोषणा कर दी है .इस कारण कच्चे तेल के दाम करीब ढाई प्रतिशत तक बढ़ गए हैं . कहा जा सकता है कि ट्रम्प की घोषणा ने आग में घी डाल दिया है.क्रूड ऑयल 77 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया, जिसके निकट भविष्य में 80 डॉलर प्रति बैरल के पार जाने की भी आशंका है. ऐसे में आने वाले दिनों में रुपया और भी गिर सकता है.रुपए में गिरावट का एक बड़ा कारण डॉलर की बढ़ती मांग भी है. एक अन्य कारण यह भी है कि विदेशी निवेशक अपने शेयर और बांड्स बेच रहे हैं. एक अनुमान के अनुसार विदेशी निवशक अब तक साढ़े 3 अरब डॉलर बाजार से निकाल चुके हैं. इससे भी रुपया कमजोर हुआ है.
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