लोकसभा चुनाव के पहले पांच राज्यों में जो विधानसभा चुनाव हुए उनसे देश की सियासत पूरी तरह बदल गई है. इस समय कांग्रेस की स्थिति भाजपा के मुक़ाबले पर आ गई है. एक समय भाजपा ये दावे कर रही थी कि वो सभी राज्यों को आसानी से जीत लेगी वहीँ उसके हाथ में पाँचों राज्यों में हार लगी है. राजस्थान की बात करें तो यहाँ भाजपा कमज़ोर थी लेकिन राज्य में हार के बाद उसके लोकसभा चुनाव में अच्छा करने की उम्मीद कम ही रह गई है.
राजस्थान विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक चर्चाओं में जो सीट रही उसमें नाम आता है आदर्शनगर विधानसभा सीट का. आदर्शनगर विधानसभा सीट को लेकर भाजपा ने पूरा दमखम लगाया था.जयपुर शहर की आदर्शनगर विधानसभा सीट पर भाजपा ने एक ऐसे नेता को टिकट दिया था जिसकी जीत लगभग पक्की लग रही थी लेकिन कांग्रेस ने यहाँ से रफ़ीक खान को टिकट दिया जिसके बाद समीकरण पूरी तरह बदल गए.
रफ़ीक ने अपनी चुनावी सभा के दौरान कहा,”न मैं टिकट खरीदकर लाया हूं और न ही सैटिंग से. मेरी मेहनत के आधार पर मुझे कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया गया है.न मैं टिकट खरीदकर लाया हूं और न ही सैटिंग से.मेरी मेहनत के आधार पर मुझे कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया गया है”. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग मेरा विरोध कर रहे हैं वे सब भाजपा के हैं.
यहाँ से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी चुनाव में उतरे थे. विधानसभा चुनाव 2013 में उन्हें जीत मिली थी लेकिन इस बार उन्हें हार ही मिली. रफ़ीक ने जिस अंदाज़ में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष को हराया उससे ये माँग उठ रही है कि उन्हें पार्टी बड़ी ज़िम्मेदारी दे और लोकसभा चुनाव में वो पार्टी की बेहतर मदद करें. रफ़ीक इस समय ज़बरदस्त चर्चाओं में हैं. कहा जा रहा है कि अमित शाह और नरेंद्र मोदी भी रफ़ीक को लेकर रणनीति बना रहे हैं और कोशिश में हैं कि कसी तरह रफीक का प्रभाव क्षेत्र में कम किया जाए जो फ़िलहाल होता नहीं दिख रहा है.