नागपुर में जारी रणजी ट्रॉफी फाइनल मुकाबले में सौराष्ट्र के दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (1) का बल्ला नहीं चल पाया. उनका विकेट लेने वाले विदर्भ के स्पिनर आदित्य सर्वते ने कहा कि उनकी टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे से ही उनकी बल्लेबाजी पर नजर रख रही थी. उन्हें उनकी एक ‘कमजोरी’ का पता चला, जिसका उन्होंने फायदा उठाया.
पुजारा ऑस्ट्रेलिया दौरे पर शानदार फॉर्म में थे और उनके जोरदार प्रदर्शन से भारतीय टीम ने पहली बार वहां टेस्ट सीरीज में जीत दर्ज की. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 131 विकेट लेने वाले 29 साल के बाएं हाथ के स्पिनर सर्वते ने कहा कि पुजारा का विकेट उनके क्रिकेट करियर का सबसे बड़ा विकेट है.
उन्होंने कहा, ‘हमारी टीम बैठक में इस पर चर्चा हुई थी और हम ने उनकी बल्लेबाजी का अध्ययन किया था. पुजारा अपनी बल्लेबाजी की शुरुआत में थोड़े लचर रहते हैं और पूरी तरह आगे आकर नहीं खेलते हैं. हमने ऑस्ट्रेलिया दौरे में उनकी बल्लेबाजी देखी थी.’
सर्वते ने कहा कि हमारी योजना थी कि उन्होंने पारी की शुरूआत में पैर का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाए. उन्हें आगे बढ़कर खेलना पसंद है, इसलिए हम उनके शॉट को रोक रहे थे. सर्वते की गेंद पर पुजारा स्लिप में खड़े अनुभवी वसीम जाफर को कैच थमा बैठे.
पुजारा ने तब क्रीज पर कदम रखा, जब सौराष्ट्र का स्कोर दो विकेट पर 79 रन था. विदर्भ ने उनके लिए तीन करीबी क्षेत्ररक्षक लगाए तथा अपने दो मुख्य गेंदबाजों उमेश यादव और सर्वते को गेंदबाजी पर लगाया. पुजारा ने उमेश की केवल एक गेंद का सामना किया और उस पर एक रन भी बनाया, लेकिन वह सर्वते थे, जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की नाक में दम करने वाले इस बल्लेबाज को परेशान किया.
पुजारा ने सर्वते की दस गेंदें खेलीं, उन पर एक भी रन नहीं बनाया. सर्वते की एक गेंद जल्द ही उनके बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में जाफर के सुरक्षित हाथों में चली गई. सर्वते ने विदर्भ के लिए सोमवार को तीन विकेट निकाले, जिससे दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक सौराष्ट्र ने पांच विकेट पर 158 रन बनाए.