आईआईटी दिल्ली देश का अव्वल शिक्षण संस्थान बन गया। लंदन में बुधवार को जारी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में आईआईटी बॉम्बे को पछाड़कर आईआईटी दिल्ली देश में शीर्ष स्थान हासिल किया है। आईआईटी दिल्ली ने वर्ल्ड रैंकिंग में दो स्थान की छलांग लगाकर वैश्विक स्तर पर 44वां स्थान हासिल किया है। वहीं, आईआईटी बॉम्बे आठ पायदान की गिरावट के साथ 48वें पायदान पर रहा। इस बार दिल्ली यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में जबरदस्त उछाल आया है। डीयू को इस बार 81वीं रैंक हासिल हुई जबकि पिछले वर्ष यह 94वें पायदान पर था।
क्यूएस की सीईओ जेसिका टर्नर ने कहा, भारत की बढ़ती शैक्षणिक शक्ति उल्लेखनीय अनुसंधान आउटपुट और पीएचडी-प्रशिक्षित संकाय की असाधारण संख्या के जरिये साफ दिखाई देती है। यह भारतीय विश्वविद्यालयों की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को बढ़ाते हुए क्षेत्रीय और वैश्विक संस्थानों के लिए एक मानक स्थापित करती है। आईआईटी दिल्ली ने आठ मानकों पर बेहतरीन काम करते हुए इस बार 44वीं रैंक हासिल की है। पीएचडी धारक शिक्षकों ने इस बार रैंकिंग बढ़ाने में बेहद अहम भूमिका निभाई है।
उधर, आईआईटी बॉम्बे की रैंकिंग में गिरावट जरूर देखी जा रही है, एकेडमिक और रोजगार मामलों को लेकर इसकी साख कायम है। इस मामले में संस्थान का क्रमश: 27वां और 16वां स्थान रहा। इसके अलावा एकेडमिक प्रतिष्ठा मामले में 75 फीसदी भारतीय संस्थानों की रैंकिंग में उछाल देखा गया है। वहीं, नियोक्ता की प्रतिष्ठा मामले में 73 प्रतिशत संस्थानों ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है।
रिसर्च पर जोर से भारतीय संस्थानों का दबदबा बढ़ा : क्यूएस के अनुसार, भारतीय संस्थानों की रैंकिंग में लगातार बढ़ोतरी की एक प्रमुख वजह रिसर्च प्रॉडक्टिविटी भी है। एशिया की शीर्ष पांच यूनिवर्सिटी में फैकल्टी मामले में चार भारतीय संस्थान हैं। अन्ना यूनिवर्सिटी इस मामले में दूसरे स्थान पर है। संस्थान का रिसर्च आउटपुट अंतरराष्ट्रीय मानकों में सबसे अधिक खरा उतरा है। इंटरनेशनल रिसर्च नेटवर्क इंडिकेटर में अन्ना यूनिवर्सिटी को आठवां स्थान मिला।
इन संस्थानों की रैंकिंग में सुधार और गिरावट
डीयू, आईआईटी रुड़की, जेएनयू, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, एमिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्ट्डीज , वेल्लोर इंस्टीट़यूट, बिरला इंस्टीटयूट, शुलूनी, सावित्रीबाई फूले यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में सुधार देखा गया है। वहीं, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी मद्रास, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी कानपुर, आईआईएसी बेंगलोर की रैंकिंग में गिरावट दर्ज की गई है।
गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विवि ने क्यूएस एशिया रैंकिंग में लगाई बड़ी छलांग
गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (जीजीएसआईपीयू) ने क्यूएस एशिया विश्वविद्यालय रैंकिंग में बड़ी छलांग लगाई है। यूनिवर्सिटी ने एशिया में 320वां और दक्षिण एशिया में 81वां स्थान हासिल किया है। पिछले संस्करण में विश्वविद्यालय दक्षिण एशिया में 143वें और एशिया में 500-550 के बीच रहा था। रैंकिंग में विश्वविद्यालय का उछाल शैक्षिक मानकों में सुधार, अनुसंधान को बढ़ावा देने और अर्थपूर्ण सहयोग को प्रोत्साहित करने के प्रयासों की वजह से हुआ है। एशिया के 984 विश्वविद्यालयों में से जीजीएसआईपीयू की बढ़त इसकी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रभावी अनुसंधान के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
कुलपति पद्मश्री प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा ने कहा कि यह उपलब्धि उनके सामूहिक प्रयासों को दर्शाती है, जिससे अनुसंधान में सुधार, छात्रों के शिक्षा परिणामों में सुधार और वैश्विक भागीदारों के साथ प्रभावी सहयोग हो। विश्वविद्यालय की क्यूएस एशिया रैंकिंग में सुधार कई संकेतकों में प्रगति को दर्शाता है। इनमें शैक्षिक और नियोक्ता प्रतिष्ठा, प्रति संकाय पत्र और अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क शामिल हैं।
विश्वविद्यालय ने एशिया में प्रति संकाय पत्र के लिए 136वां स्थान हासिल किया, जो इसकी बढ़ती अनुसंधान प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि क्यूएस ने विश्वविद्यालय को ग्लोबल एंगेजमेंट-परफॉर्मेंस इंप्रूवमेंट श्रेणी में क्यूएस रिकॉग्निशन अवार्ड से भी सम्मानित किया है। यह पुरस्कार विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान सहयोग विकसित करने और वैश्विक अनुसंधान पहलों में विविधता और अंतर्विषयकता को बढ़ावा देने की पहल को दर्शाता है।