कोरियोग्राफर सरोज खान का दिल्ली से गहरा नाता था। हालांकि ये रिश्ता फिल्मी था, लेकिन दिल्ली उनके दिल के काफी करीब थी। उन्होंने कई बड़े फिल्मी सितारों के साथ दिल्ली में शूटिंग की। वो अक्सर दिल्ली आती रहती थीं। एक दफा दिल्ली में वो एक पार्टी में शामिल हुईं। उन्होने एक छोटे बच्चे को उसमें डांस करते हुए देखा तो फिदा हो गई। वो बोली, यहां तो कमाल का टैलेंट है। इसके बाद ही उन्होंने करीब दो दशक पहले साझेदारी में दिल्ली के सफदरजंग स्थित कमल सिनेमा में डांस अकादमी खोली।

इसके लिए उन्होंने एक तोड़ निकाला। उन्होंने तय किया जब जब भी दिल्ली में शूटिंग होगी तो एक्स्ट्रा कलाकार दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों से ही होंगे। एक्स्ट्रा कलाकार वो होते हैं जो शूटिंग के दौरान अभिनेता, अभिनेत्री के साथ बैकग्राउंड में रहकर डांस आदि करते हैं। ये भी कमाल के डांसर होते हैं जो कोरियोग्राफर के हर निर्देश को मानते हुए अभिनेता के साथ डांस करते हैं। फिल्मी भाषा में इन्हें एक्स्ट्रा डांसर कहते हैं।
सरोज खान एक्स्ट्रा डांसर के समूह में 80 फीसद लड़के, लड़कियां दिल्ली, यूपी और हरियाणा की होती थीं। आउटडोर के लिए सरोज खान ने सख्त निर्देश दिया था कि डांसर हर हाल में दिल्ली और आसपास के ही होने चाहिए। इसके लिए वो काफी हद तक प्रोडयूसर रवि सरीन पर निर्भर थी। रवि सरीन पहले डांस अकादमी चलाते थे, उनके यहां से नृत्य सीख रहे बच्चे शूटिंग में एक्स्ट्रा डांसर के रूप में अपना दम दिखाते।
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