आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए जानिए ये 3 योगासन

बढ़ती उम्र में आंखों की रोशनी कम होने लगती है। इसके अलावा लंबे समय तक लैपटॉप पर काम करने टीवी देखने और मोबाइल सर्फिंग से भी आंखों की समस्या होती है। खासकर लैपटॉप और मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी से आंखें अधिक प्रभावित होती है।

प्रकृति का सबसे अनमोल उपहार हमारी आंखें हैं। इसे हिंदी में नयन, चक्षु, नेत्र, लोचन, नैन आदि भी कहते हैं। सनातन धार्मिक ग्रंथों में 5 इंद्रियों का वर्णन है। इनमें एक इंद्री दृष्टि है। इसकी मदद से हम आप दुनिया का दीदार करते हैं। वस्तु को पहचान पाने में सक्षम होते हैं। बढ़ती उम्र में आंखों की रोशनी कम होने लगती है। इसके अलावा, लंबे समय तक लैपटॉप पर काम करने, टीवी देखने और मोबाइल सर्फिंग से भी आंखों की समस्या होती है। खासकर, लैपटॉप और मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी से आंखें अधिक प्रभावित होती है। चूंकि यह कुदरत का अनुपम गिफ्ट है। इसके लिए आंखों की समुचित देखभाल जरूरी है। आप डाइट में विटामिन-ए युक्त चीजों को शामिल कर आंखों की रोशनी बढ़ा सकते हैं। साथ ही रोजाना ये योगासन जरूर करें। इन योगासन को करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। आइए जानते हैं-

हलासन करें

हलासन हिंदी के दो शब्द ‘हल’ और ‘आसन’ से मिलकर बना है। इस योग को करने के दौरान शरीर हल की तरह दिखता है। इसके लिए इस योग को हलासन कहा जाता है। अंग्रेजी में ‘प्लो पोज’ कहते हैं। इस योग को करने से वजन कम करने में मदद मिलती है, शरीर को मजबूती मिलती है। साथ ही आंखों की रोशनी बढ़ती है।

चक्रासन करें

अंग्रेजी में चक्रासन को ‘व्हील पोज’ कहा जाता है। इस योग को करने के दौरान शरीर पहिए के समान दिखाई देता है। चक्रासन करने से कमर की मजबूती बढ़ती है। आंखों की रोशनी बढ़ती है। वजन कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा, पाचन संबंधी विकार से निजात मिलता है।

उष्ट्रासन करें

ऊंट की मुद्रा में बैठकर योग करना उष्ट्रासन कहलाता है। इसके लिए उष्ट्रासन को अंग्रेजी में ‘कैमल पोज’ कहते हैं। उष्ट्रासन करना आसान नहीं होता है। इसके लिए कठिन अभ्यास की जरूरत पड़ती है। योग विशेषज्ञ की निगरानी में उष्ट्रासन करें। इस योग को करने से कमर दर्द में आराम मिलता है, शरीर लचीला होता है, थकान में राहत मिलता है। साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।

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