अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Ahmedabad International Airport) पर बंदरों के त्रास से बचने के लिए अनेक विध उपाय करने के बाद भी समस्या से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। अभी हाल ही में हवाई अड्डा प्राधिकरण नें बंदरों को भगाने के लिए कर्मचारियों को भालू के ड्रेस में तैनात किया था, किन्तु बंदरों पर इसका कोई विशेष असर नहीं पड़ा है। हवाई अड्डे पर 50 बंदरों का झुंड घुसने के कारण फ्लाइट एवं हेलीकॉप्टर के उड़ान में 20 मिनट का विलम्ब हुआ। वहीं अहमदाबाद से लंदन की फ्लाइट 8 घंटे 25 मिनट के विलम्ब से रवाना हुई।
अहमदाबाद हवाई अड्डा प्राधिकरण सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को दोपहर चार बजे इंडिगो की कलकत्ता-अहमदाबाद फ्लाइट का 3 बजकर 56 मिनट पर सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर आगमन हुआ। यहां बंदरों का झुंड एकत्र हो जाने के कारण फ्लाइट को रन वे पर ही रोककर रखना पड़ा। इसी दौरान इंडिगो की पूना-अहमदाबाद फ्लाइट आ पहुंची, वह भी बंदरों के झुंड के कारण उतर नहीं पायी। पायलट ने इसकी जानकारी ट्रैफिक कन्ट्रोल को दी तब जाकर एयरपोर्ट प्राधिकरण ने गाड़िया दौड़ाकर बंदरों के झुंड को रन वे से भगाया। इस प्रकार यात्रियों को तकरीबन 20 मिनट तक फ्लाइट में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा।
बंदरों के झुंड ने कार्गो साइड से एयरपोर्ट में प्रवेश किया। इसके कारण दो फ्लाइट और एक हेलीकॉप्टर को रन वे पर ही रोकना पड़ा । बंदरों का झुंड चार्टर्ड फ्लाइट पार्किंग एरिया और एप्रोन एरिया में भी देखा गया। अहमदाबाद एयरपोर्ट पर बंदरों के कारण फ्लाइट में विलम्ब अब सामान्य घटना हो गई है। अप्रैल 2019 में तकरीबन 15 बंदरों के झुंड के कारण दो फ्लाइट को डायवर्ट करना पड़ा। वहीं दो फ्लाइट का शेड्यूल भी बिगड़ गया था। इसी तरह 2017 में भी बंदरों के कारण दो फ्लाइट को रन वे पर ही रोकना पड़ा।
जुलाई 2014 में भी बंदर आपरेशनल एरिया में घुस गये थे।। उन्हें बगाने के लिए सीआईएसएफ की सहायता लेना पड़ी। अहमदाबाद से लंदन की फ्लाइट में तकरीबन 8 घंटे 27 मिनट का विलम्ब हुआ। इससे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी। लंदन की उड़ान अपने निर्धारित समय सुबह 7 बजकर 5 मिनट के बदले अपराह् तीन बजे रवाना हुई। हालाकि एयरपोर्ट आथॉरिटी ने तकनीकी कारण बताया। वहीं एयर इण्डिया की फ्लाइट सुबह कारण 7 बजकर 20 मिनट के बदले सवा दो घंटे के विलम्ब से 9 बजकर 35 मिनट पर विलंब से रवाना हुई।
गौरतलब है कि हवाई अड्डा प्राधिकरण ने बंदरों को घुसने से रोकने के लिए बिजली के तारों में करंट दौड़ाने और दीवार को ऊंचा करने का तरीका भी अपनाया है। आखिर में भालू का ड्रेस भी इस्तेमाल किया। कर्मचारियों में चर्चा है कि भालू के छुट्टी पर होने से बंदरों का समूह आ गया था।