शहर के जच्चा बच्चा अस्पताल में अजब-गजब मामला सामने आया है। स्वास्थ्य कर्मियों की गलती से एक परिवार भी बेटी अपनाने को लेकर पशोपेश में हैं। प्रकरण संज्ञान में आने के बाद अफसर भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। अस्पताल में परिवार वालों के हंगामा करने के बाद अफसरों ने डीएनए जांच के बाद ही सच सामाने आने की बात कही है। डीएनए रिपोर्ट ही दंपती की शंका को दूर करेगी।
प्रसव के लिए पत्नी को कराया था भर्ती
अरविंद कुमार ने पुलिस को तहरीर में बताया हे कि उन्होंने पत्नी सुधा को प्रसव पीड़ा होने पर 19 जनवरी को रसूलाबाद की सीएचसी में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने अगले दिन जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज संबद्ध जच्चा बच्चा अस्पताल को रेफर कर दिया था। 20 जनवरी की दोपहर सुधा डॉ. गरिमा गुप्ता की देखरेख में भर्ती हुईं। उसी दिन शाम चार बजे पत्नी को प्रसव हुआ। डिलीवरी नार्मल थी लेकिन बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए उसे एनआइसीयू में भेज दिया गया।
बीएचटी में बेटा लिखा और थमा दी बेटी
अरविंद के मुताबिक 22 जनवरी की रात ढाई बजे सुधा ने अपने नवजात को दूध पिलाया तो बच्ची होने का पता चला। जन्म के तुरंत बाद उन्हें नवजात के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। 24 जनवरी को उन्होंने दस्तावेज (बीएचटी) देखे तो उसमें मेल चाइल्ड (बेटा) लिखा हुआ था। इसपर अधिकारियों से शिकायत की लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। उन्होंने बच्ची को लेने से इन्कार कर दिया। पुलिस ने मामले की जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक कुमार शुक्ला को दी है। उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। अस्पताल के दस्तावेज देखने के बाद बच्ची का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही सही बात पता चलेगी।
जानें-क्या बोले जिम्मेदार
- परिजनों को गलत फहमी हुई है। सिस्टर के रजिस्टर और अस्पताल के दस्तावेजों में बच्ची होने के रिकार्ड हैं। -डॉ. गरिमा गुप्ता, लेक्चरार, स्त्री रोग विभाग
- जेआर ने जल्दबाजी में डिलीवरी रिकार्ड में बच्चा लिख दिया है। एनआइसीयू के रिकार्ड में बच्ची ही दर्ज है। उसका पूरा इलाज हुआ है। -डॉ. यशवंत राव, विभागाध्यक्ष, बाल रोग विभाग
- पिता की शिकायत पर सीएमओ की ओर से जांच कराई जा रही है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। घर वालों ने डीएनए टेस्ट कराने की मांग की है।-अजीत सिंह, सीओ स्वरूप नगर।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal