अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई को बड़ा झटका लगा है। दरअसल रविवार को ब्यूनस आयर्स के प्रांतीय चुनाव में मिलेई की उदारवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में मध्यावधि चुनाव के लिए पार्टी के प्रदर्शन पर सवाल खड़े हो गए हैं। जेवियर मिलेई की पार्टी को प्रांतीय चुनाव में 34 प्रतिशत मत मिले हैं। वहीं अर्जेंटीना की पुरानी पार्टी पेरोनिज्म पार्टी को जीत मिली और पार्टी ने 47 प्रतिशत मत हासिल किए। 
अर्थव्यवस्था के मामले में चुनौतियों से घिरे मिलेई
ये नतीजे मिलेई के लिए एक बड़ा झटका हैं क्योंकि वे अर्जेंटीना की संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन कर रहे हैं। मिलेई की नीतियों से अर्जेंटीना की मुद्रा पेसो स्थिर तो हो गई है, लेकिन अर्जेंटीना का श्रमिक वर्ग अभी भी परेशान है। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि ब्यूनस आयर्स के प्रांतीय चुनाव के नतीजे सरकार के लिए एक चेतावनी हैं। मिलेई की तुलना डोनाल्ड ट्रंप से की जाती है। मिलेई भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्षियों के घेरते रहे, लेकिन अब उनके राष्ट्रपति रहते हुए मिलेई के परिवार वालों पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं। आरोप है कि मिलेई की बहन ने दवाइयों के ठेके में रिश्वत ली। 
मध्यावधि चुनाव पर हो बड़ा असर
गौरतलब है कि अर्जेंटीना की अर्थव्यवस्था सिकुड़ रही है, उपभोक्ता विश्वास गिर रहा है, बेरोजगारी बढ़ रही है और ब्याज दरें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच रही हैं क्योंकि सरकार नकदी की कमी से जूझ रहे मतदाताओं को खुश करने की उम्मीद में पेसो को सहारा देने और मुद्रास्फीति को कम करने के लिए बार-बार मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप कर रही है। रविवार को ब्यूनस आयर्स की दर्जनों नगर पालिकाओं में पार्षदों के चुनाव के लिए हुए मतदान से राष्ट्रीय नीति में कोई बदलाव नहीं आएगा, न ही इसका राष्ट्रीय कांग्रेस पर कोई प्रभाव पड़ेगा, लेकिन अक्तूबर के अंत में निचले सदन के आधे और सीनेट के एक तिहाई सीटों के लिए होने वाले मध्यावधि चुनाव पर इसका गहरा असर हो सकता है।
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