अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने अपनी सहयोगी जदयू को बड़ा झटका देते हुए उसके छह विधायकों को अपने पाले में कर लिया। इसके बाद से माना जा रहा है कि बिहार में गठबंधन कर सरकार चला रहीं दोनों पार्टियों के रिश्ते बिगड़ सकते हैं। वहीं, जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने भाजपा की दोस्ती पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि अरुणाचल प्रदेश में हुए घटनाक्रम ने भाजपा ने राज्य में दोस्ती का धर्म नहीं निभाया है।
गौरतलब है कि जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मामले में सवाल किया गया था तो उन्होंने कुछ खास बोलने से परहेज किया था। हालांकि जदयू प्रवक्ता के बयानों से इस बात की ओर इशारा मिल रहा है कि जदयू भाजपा की इस धोखेबाजी से खासा नाराज है।
केसी त्यागी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार है और वहां जदयू मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रहा है। हालांकि, दोनों पार्टियों के दोस्ताना रिश्ते होने से भाजपा को वहां पर कोई परेशानी नहीं थी। उन्होंने कहा, लेकिन भाजपा ने किस वजह से हमारे विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कराया, यह सवाल खड़ा करने वाला है।
जदयू प्रवक्ता ने कहा, दोस्ती में इस तरह की चीजें नहीं होती हैं। वो भी तब जब एनडीए के अंदर जदयू भाजपा का सबसे मजबूत और भरोसेमंद सहयोगी है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में उठाया जाएगा।
केसी त्यागी ने कहा, बैठक में नीतीश कुमार की इस मुद्दे पर राय जानी जाएगी, इसके बाद ही कोई ठोस कदम उठाया जाएगा, लेकिन यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि भाजपा ने जदयू के विधायकों को तोड़कर दोस्ती का धर्म ठीक तरीके से नहीं निभाया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन में इस तरह की चीजें नहीं होनी चाहिए।
अरुणाचल प्रदेश में जदयू विधायकों के भाजपा में शामिल होने पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेज प्रताप यादव ने कहा है कि एक दिन ऐसेे ही जदयू बिहार से पूरी तरह साफ हो जाएगी। नालंदा में संवाददाताओं से बात करते हुए तेज प्रताप ने कहा, जेडीयू का सफाया शुरू हो चुका है और जल्द ही उनका बिहार से भी सफाया हो जाएगा। जदयू अब पूरी तरह टूट चुका है। नीतीश कुमार का यह फैसला बहुत गलत था, उन्होंने खुद पर वार किया है।
वहीं, राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने भी इसे मुद्दे पर चुटकी लेते हुए कहा, पूर्वोत्तर राज्य से सिग्नल आ चुका है और यह जल्द ही बिहार में भी पहुंचने वाला है। यह अजीब है कि जदयू के सात में से छह विधायक भाजपा में शामिल हो गए। क्या उन्होंने नीतीश कुमार से निर्देश लिया? मैं नीतीश कुमार से पूछना चाहता हूं, क्या आप चाहते हैं कि आपकी पार्टी का भाजपा में विलय हो।
उन्होंने कहा, बिहार विधानसभा चुनाव में सिर्फ 43 सीटें जीतने के बावजूद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हैं। मैं कह रहा हूं कि अभी चार-पांच महीने इंतजार कीजिए और अभी संकेत अरुणाचल प्रदेश से आया है और यह जल्द ही बिहार पहुंच जाएगा।
बता दें कि भाजपा ने अपने ही सहयोगी दल जदयू को बड़ा झटका दिया है। बिहार में नीतीश सरकार में शामिल भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश में नीतीश की पार्टी जदयू के छह विधायकों को तोड़ लिया। बता दें कि राज्य में जदयू पार्टी के सात विधायक थे, जिनमें से छह भाजपा शामिल हो गए हैं। राज्य विधानसभा के अनुसार, पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) के लिकाबाली निर्वाचन क्षेत्र से विधायक करदो निग्योर भी भाजपा में शामिल हो गए हैं।
रमगोंग विधानसभा क्षेत्र के तालीम तबोह, चायांग्ताजो के हेयेंग मंग्फी, ताली के जिकके ताको, कलाक्तंग के दोरजी वांग्दी खर्मा, बोमडिला के डोंगरू सियनग्जू और मारियांग-गेकु निर्वाचन क्षेत्र के कांगगोंग टाकू भाजपा में शामिल हो गए हैं। जदयू ने 26 नवंबर को सियनग्जू, खर्मा और टाकू को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था और उन्हें निलंबित कर दिया था।
जदयू के इन छह विधायकों ने इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों को कथित तौर पर बिना बताए तालीम तबोह को विधायक दल का नया नेता चुन लिया था। पीपीए विधायक को भी क्षेत्रीय पार्टी ने इस महीने की शुरुआत में निलंबित कर दिया था। अरुणाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीआर वाघे ने कहा कि हमने पार्टी में शामिल होने के उनके पत्रों को स्वीकार कर लिया है।