अयोध्या जमीन विवाद मामले की सुनवाई के एक माह पुरे हो गए। आज कोर्ट में 31वें दिन की सुनवाई शुरू हो गई है। जिसमे मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी कोर्ट के समक्ष अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं। कल की सुनवाई में उस वक्त अहम दौर आया जब सुन्नी वक्फ बोर्ड एवं अन्य ने शीर्ष अदालत में माना कि अयोध्या विवादित स्थल पर बना राम चबूतरा भगवान राम का जन्मस्थल है।
अदालत की ओर से पूछे गए प्रशन पर सुन्नी वक्फ बोर्ड एवं अन्य के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा, हां हम मानते हैं कि राम चबूतरा राम जन्मस्थान है, क्योंकि फैजाबाद की जिला अदालत इस बारे में फैसला दे चुकी है।
ऐसे में अब उनके पास इससे अलग जाने का विकल्प नहीं है। शीर्ष अदालत ने कल राम चबूतरे को जन्मस्थान मानने के बारे में मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी से कई सवाल पूछा था। अदालत ने पूछा था कि क्या आप यह मानते हैं कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ था?
जिलानी ने कहा हां। कोर्ट ने कहा, क्या आप यह भी स्वीकारते हैं कि राम चबूतरा जन्मस्थान है। जिलानी ने कहा है। कोर्ट ने पूछा कि आपने इस फैसले के खिलाफ अपील नहीं की तो जिलानी ने कहा कि उन्होंने इस अपील में पूरी जमीन पर दावा किया है।
कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के वकील से यह भी पूछा कि केंद्रीय गुंबद से राम चबूतरे की दूरी कितनी है? जिलानी बोले 60-65 फीट होगी। जब जिलानी ने आइन-ए-अकबरी को भारत का ज्ञानकोश बताते हुए कहा कि इसमें हर अहम चीज का जिक्र है लेकिन इसमें अयोध्या में जन्मस्थान या मंदिर होने का जिक्र नहीं है।
इस पर जस्टिस एसए बोबडे ने प्रशअन किया कि क्या इसमें वहां मस्जिद होने का जिक्र है। जिलानी ने कहा नहीं। जब जिलानी ने आइन-ए-अकबरी में जन्मस्थान का जिक्र न होने की दलील दी तो जस्टिस अशोक भूषण ने कहा, स्कंद पुराण तो उससे भी पुराना है। उसमें तो तय जगह जन्मस्थान बताया गया है। इस पर जिलानी ने दलीलल दी कि स्कंद पुराण सदी का है। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।