श्रीराम जन्मभूमि मंदिर समिति के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा है कि राम नाम में असीम शक्ति है। अयोध्या में भगवन श्रीराम का ऐतिहासिक मंदिर बन रहा है। अब दो चरण का मंदिर निर्माण कार्य पूरा होने वाला है। इसी साल जुलाई से तीसरे चरण का निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनवरी 2025 तक श्रीराम लला को गर्भगृह में प्रतिष्ठापित कर दिया जाएगा। कामेश्वर चौपाल बिहार में बेगूसराय जिले के बीहट जलेलपुर स्थित माता शीतल मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद चैत्र नवरात्र पूजा पर आयोजित जागरण कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे।
पूरी रफ्तार से जारी है श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण
विदित हो कि श्रीराम जन्मभूमि में राममंदिर निर्माण का काम पूरी रफ्तार से जारी है। मंदिर की नींव के दूसरे चरण में अभी उसके चबूतरे (प्लिंथ) का निर्माण चल रही है। नींव के ऊपर सात लेयर में 21 फीट ऊंचा चबूतरा बनाया जाएगा। अभी तक छह फीट ऊंचा निर्माण हो चुका है। चबूतरे का निर्माण जून तक पूरा करने का लक्ष्य है।
जुलाई से गर्भगृह को आकार देने का काम शुरू किया जा सकता है। गर्भगृह राजस्थान के वंशीपहाड़पुर के पत्थरों से बनाया जाएगा। इसके लिए पत्थरों की आपूर्ति आरंभ हो चुकी है। राममंदिर को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखने के लिए 12 मीटर गहरी रिटेनिंग वाल बनाई जा रही है। जून-जुलाई से आ रहे मानसून को देखते हुए इसे बरसात से पहले पूूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
श्रीराम मंदिर में कहां, क्या बनाया जाएगा, यह भी जानिए
मंदिर के सामने के प्रवेश द्वार को सिंहद्वार कहा जाएगा। मंदिर में 32 सीढ़ियां चढ़ने के बाद रामलला के दर्शन होंगे। गर्भगृह में बाल रूप श्रीराम विराजमान होंगे। मंदिर के पहले तल पर रामदरबार रहेगा। गर्भगृह के शिखर के पीछे सीता रसाेई में रामलला का भोग प्रसाद बनाया जाएगा। प्रवेश द्वार के दाहिने गणेश जी का तो बाएं हनुमान जी का मंदिर होगा। मुख्य मंदिर के पीछे के बांए व दाहिने शिखर पर भरत, लक्ष्मण व शत्रुघ्न विराजमान रहेंगे। मुख्य मंदिर के पिछले हिस्से में परिसर के अंदर शेषावतार मंदिर होगा। मंदिर के किनारे मुख्य भवन के अंदर-बाहर प्रदक्षिणा पथ रहेगा, जिसपर एक साथ पांच हजार भक्त परिक्रमा कर सकेंगे।
श्रीराममंदिर की मुख्य संरचना, एक नजर
– कुल क्षेत्रफल: 2.7 एकड़
– कुल निर्मित क्षेत्र: 57400 स्क्वायर फीट
– मंदिर की लंबाई: 360 फीट
– मंदिर की चौड़ाई: 235 फीट
– मंदिर की ऊंचाई: 161 फीट
– कुल तल: 03
– प्रत्येक तल की ऊंचाई: 20 फीट
– मंदिर में शिखर एवं मंडप: 05
– मंदिर में द्वार: 12