उज्जैन। अभा संत सम्मेलन व धर्म संसद में अयोध्या में राम मंदिर बनाने की तिथि तय कर ली गई है। कार्तिक अक्षय नवमी अर्थात 9 नवंबर 16 से मंदिर का निर्माण प्रारंभ होगा। शुरुआत रामलला परिसर में सिंह द्वार निर्माण से होगी। राम जनार्दन मंदिर के पास स्थित श्री अयोध्या कैंप मानस केशरी नगर श्री गिरधरपुर धाम में शुक्रवार को संत सम्मेलन व धर्म संसद का आयोजन हुआ।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास अयोध्या के परमाध्यक्ष महंत जन्मेजयशरण महाराज ने बताया कि राम जन्मभूमि, जिसे विवादित कहा जाता है वह 77 एकड़ जमीन निर्मोही अखाड़ा की है। मंदिर निर्माण और जमीन को लेकर निर्मोही अखाड़ा लड़ाई लड़ता रहा है।
हम सभी संत और धर्माचार्य उनके साथ हैं। राम मंदिर निर्माण का पटाक्षेप हो गया है। कार्तिक अक्षय नवमी से निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए निर्माण की बात कही। साथ ही सकारात्मक फैसला मिलने की उम्मीद जताई और कहा कि सभी हिंदू-मुस्लिम भाइयों से भी सहमति मिलेगी।
मोदी का कोई लेना-देना नहीं
संतों ने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि उसे राम मंदिर निर्माण से कोई लेना-देना नहीं है। राम मंदिर जनता के सहयोग से बनेगा। मंदिर जन्म स्थान पर ही बनना चाहिए। भूमि का बंटवारा नहीं होना चाहिए। धर्म संसद एवं राष्ट्रीय संत सम्मेलन में शंकराचार्य आत्मानंदजी, शंकराचार्य शाश्वतानंदजी, शंकराचार्य नरेंद्रानंदजी, सुदर्शन महाराज, पुरुषोत्तम महाराज, श्रीमहंत अवध किशोर दास,चंद्रदेव दास, श्री मानस मंजुलदास, कामता शरण, कोठारी नंदलालदास, श्यामशरण दास, श्रीमहंत अवधेश कुमार दास, रणजीत बहादुर श्रीवास्तव अध्यक्ष रामजन्म भूमि मंदिर निर्माण उप्र, श्रीमहंत भगवानदासजी श्रृंगारी, सीताराम दास सहित बड़ी संख्या में संत, भक्त मौजूद थे। मौसम की वजह से कुछ प्रमुख संतों की उपस्थिति नहीं रही। मंच संचालन मानस केशरी रामलखनदास महाराज ने किया।
तिथि व तारीख 9
राम मंदिर निर्माण की शुरुआत कार्तिक अक्षय नवमी से की जाएगी। यह संयोग ही है कि इस दिन अंग्रेजी तारीख भी 9 नवंबर आ रही है।