अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए शराब कारोबार से जुड़े लोगों से चंदा नहीं लिया जाएगा: इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार द्वारा अयोध्या में दी गई वैकल्पिक जगह में यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड मस्ज‍िद बनाएगा. इस बीच, इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने आर्थिक सहयोग के लिए गाइडलाइन तय की है. गाइडलाइन के मुताबिक अयोध्या के धन्नीपुर गांव में मस्जिद का निर्माण शरई तौर पर जायज पैसों से ही होगा. इसमें ब्याज और शराब कारोबार से जुड़े लोगों से इसके लिए चंदा नहीं लिया जाएगा.

इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के मुताबिक इस संबंध में जल्द ही वेबसाइट और पोर्टल तैयार हो जाएगा. इसके बाद तय होगा कि किस अकाउंट में मस्जिद और किस में अस्पताल के लिए सहयोग लेना है.

बता दें कि इस मस्ज‍िद की डिजाइन तैयार करने की जिम्मेदारी जामिया मिलिया इस्लामिया के डीन आर्किटेक्चर प्रोफेसर एसएम अख्तर को दी गई है. प्रोफेसर एसएम अख्तर ने बताया था कि अयोध्या में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने उन्हें जिम्मेदारी दी है.

अयोध्या में सिर्फ मस्जिद नहीं बल्क‍ि उस जमीन पर पूरा एक कॉम्प्लेक्सनुमा इमारत बनाई जा रही है, मस्ज‍िद इसका एक हिस्सा होगी. उस कॉम्प्लेक्स को तीन मूल्यों के आधार पर आर्किटेक्ट किया जाएगा.

बता दें कि इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से स्थापित किया गया ट्रस्ट है जो अयोध्या में मस्ज‍िद प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है.

यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या के धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन दी है जहां मस्ज‍िद कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है.

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