चारबाग रेलवे स्टेशन पर टे्रनों का दबाव कम करने के लिए लखनऊ में पहली बार ट्रेन कॉरिडोर बनाने की योजना को रेलवे बोर्ड से ग्रीन सिग्नल मिल गया है। अमौसी से ट्रांसपोर्टनगर-उतरेटिया होते हुए मल्हौर तक ट्रेन कॉरिडोर बनाने के लिए रेलवे बोर्ड ने सर्वे किया है। सर्वे में मल्हौर स्टेशन की भौगोलिक स्थिति में बदलाव करने की संस्तुति की गई है। अगले महीने बोर्ड की एक टीम डीपीआर पर चर्चा करने के लिए लखनऊ आ रही है।
कानपुर की ओर से लखनऊ जंक्शन, चारबाग और ऐशबाग स्टेशन आकर कई ट्रेनें सुलतानपुर, रायबरेली, बाराबंकी होकर फैजाबाद और गोरखपुर की ओर रवाना होती हैं। अमौसी से प्रवेश और चारबाग से निकासी की लाइनों में कमी के कारण अधिकांश ट्रेनें आउटर पर खड़ी रहती हैं। ऐसे में अमौसी-मल्हौर कॉरिडोर का एक प्रस्ताव बनाया गया। रेलवे बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने लखनऊ में इस योजना के प्रस्ताव की समीक्षा की थी। चेयरमैन ने इसका प्रस्ताव रेलवे बोर्ड भेजने को कहा था।
लखनऊ मंडल प्रशासन की ओर से इस एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया था। जिस पर अध्ययन करने के बाद रेलवे बोर्ड के कंस्ट्रक्शन अनुभाग को सर्वे करने का जिम्मा सौंपा गया था। डिप्टी डायरेक्टर (सर्वे) की एक टीम ने यात्रियों की ट्रांसपोर्टनगर, उतरेटिया और मल्हौर स्टेशनों तक आसानी से पहुंचने की सुविधा, कॉरिडोर में आने वाली जमीन, रैम्प की लंबाई, ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन के विस्तार और विकास जैसे कई बिन्दुओं का सर्वे किया था। बोर्ड ने सर्वे में यह पाया है कि कॉरिडोर बनाया जा सकता है। आगे इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट और डीपीआर के लिए टीम अगले महीने लखनऊ आ रही है।