फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग डाटा लीक मामले और 2016 चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के मामले में अमेरिकी संसद के समक्ष पेश होकर माफी मांगेंगे. जुकरबर्ग सांसदों के समक्ष आज और कल पेश होंगे और उनकी कंपनी में जनता का भरोसा फिर से बहाल करने की कोशिश करेंगे और उन संघीय नियामकों को टालने की कोशिश करेंगे जो कुछ सांसदों ने सुझाए हैं.
कैंब्रिज एनालिटिका पर गोपनीय रूप से 8.7 करोड़ यूजर्स की निजी जानकारी जुटाने का आरोप
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया के दौरान उनके प्रचार अभियान से जुड़ी कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका पर गोपनीय रूप से 8.7 करोड़ यूजर्स की निजी जानकारी जुटाने का आरोप है. इन आरोपों के बाद जुकरबर्ग की कंपनी विवादों के घेरे में है.
सदन की ऊर्जा और वाणिज्य समिति के समक्ष दी गई उनकी गवाही जारी की गई है जो बुधवार को पेश की जाएगी. इसमें जुकरबर्ग ने 2016 में चुनावों के दौरान अपने प्लेटफॉर्म से फर्जी खबरों, नफरत फैलाने वाले बयानों, डाटा की निजता की कमी और विदेशी हस्तक्षेप को लेकर माफी मांगी है. प्रतिनिधि सभा के एक पैनल द्वारा जारी लिखित गवाही में जुकरबर्ग ने डाटा को सुरक्षित रखने और हेरफेर रोकने में सोशल नेटवर्क के नाकामयाब रहने की जिम्मेदारी ली है.
फेसबुक ने कनाडाई कंसल्टिंग कंपनी को अपनी सर्विस सस्पेंड की
यह एक बड़ी गलती है- जुकरबर्ग
उन्होंने कहा, ‘हमें यह अंदाजा नहीं हो सका कि हमारी जिम्मेदारियां कितनी बड़ी है और यह एक बड़ी गलती है. यह मेरी गलती है और मुझे माफ कर दें.’ जुकरबर्ग ने कहा, ‘मैंने फेसबुक शुरू किया, मैं उसे चलाता हूं और जो भी हुआ उसके लिए मैं जिम्मेदार हूं.’
जुकरबर्ग का इस्तीफा देने से इनकार
फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने कंपनी की निजता नीति को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद इस्तीफा देने से सोमवार को इनकार कर दिया. उन्होंने हालांकि भारत, पाकिस्तान और अमेरिका में हुए चुनावों की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र अन्वेषण समिति के गठन की घोषणा की. इस सप्ताह कांग्रेस में अपनी गवाही से पूर्व जुकरबर्ग सांसदों से मिलने के लिए अमेरिका की राजधानी पहुंचे हैं. ‘अटलांटिक मैग्जीन’ से साक्षात्कार में जुकरबर्ग ने इस्तीफा की संभावना से इनकार कर दिया.
कैंब्रिज एनालिटिका को दी गई फेसबुक के 8.7 करोड़ यूजर्स की निजी जानकारी
हम इन समस्याओं से निकलने में सक्षम- मार्क
उनसे पूछा गया कि क्या वह त्यागपत्र के विकल्प पर विचार कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘नहीं, मेरा मतलब है- मैं हूं- मैं अलग से परोकपार के काम भी करता हूं, लेकिन ये मुद्दे बहुत महत्वपूर्ण हैं.’ उन्होंने कहा, ‘फेसबुक को बनाने में हमने पिछले 14 वर्षों में कई कठिन समस्याओं को सुलझाने की दिशा में काम किया है. मेरा अभिप्राय है कि इसकी शुरुआत छात्रावास के एक कमरे से हुई थी और अब यह इतना बड़ा समुदाय का रूप ले चुका है. मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि हम इन समस्याओं से निकलने में सक्षम हैं.’
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal