अमेरिकी राष्ट्रपति बनने से पहले जो बाइडन ने अपनी टीम में 20 से अधिक भारतीयों को जगह दी

अमेरिकी राष्ट्रपति चुने गए जो बाइडन ने 20 जनवरी को प्रस्तावित पदग्रहण से पहले बनाई गई एजेंसी रिव्यू टीमों में 20 से अधिक भारतीयों को जगह दी है। इनमें से तीन को अपनी टीम का नेतृत्व मिला है। इन टीमों का काम अमेरिका की 115 से अधिक एजेंसियों के कामकाज का मूल्यांकन करना है। इसी के आधार पर बाइडन के नए प्रशासन को हस्तांतरित किया जाएगा। पदग्रहण का काम देख रहे सदस्यों का दावा है कि इन टीमों के सदस्यों में इस बार जितनी विविधता है उतनी कभी नहीं रही।

इन सदस्यों में करीब आधी महिलाएं हैं, तो वहीं अश्वेत, निशक्तजन और एलजीबीटीक्यू भी शामिल हैं। देश के फेडरल एजेंसियों में इन लोगों की संख्या अब तक बेहद कम रही है। रिव्यू टीमें इन एजेंसियों के कामकाज का विश्लेषण करेंगी और सत्ता हस्तांतरण को आसान करेंगी। इनका लक्ष्य बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के कार्यकाल के पहले दिन से व्यवस्थाओं को उनके मुताबिक ढालना है। अपनी टीमों का नेतृत्व कर रहे भारतीयों में स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय से अरुण मजूमदार हैं, जिन्हें ऊर्जा विभाग की रिव्यू टीम की जिम्मेदारी मिली है। राष्ट्रीय ड्रग्स नियंत्रण नीति कार्यालय का नेतृत्व राहुल गुप्ता करेंगे। निजी प्रबंधन के कार्यालय का नेतृत्व किरण अहुजा को मिला है।

अरुण मजूमदार, राहुल गुप्ता और किरण अहूजा के अलावा पुनीत तलवार, पव सिंह, अरुण वेंकटरमन, प्रवीणा राघवन, आत्मन द्विवेदी, शीतल शाह, आर रमेश, रमा जकारिया, शुभश्री रामनाथन, राज डे सीमा नंदा, राज नायक, रीना अग्रवाल, सत्यम खन्ना, भव्य लाल, दिलप्रीत सिंधु, दिव्य कुमारैया, कुमार चंद्रन, अनीश चोपड़ा विभिन्न टीमों के सदस्य बनाए गए हैं।

भारतीय-अमेरिकी केश पटेल को अमेरिका का नया चीफ ऑफ स्टाफ बनाया गया है। 39 साल के केश के नाम की सिफारिश पेंटागन से अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा सचिव क्रिस मिलर ने की। पटेल जेन स्टीवर्ट की जगह लेंगे, जिन्हाेंने हाल ही में इस्तीफा दिया। इससे पहले ट्रंप ने रक्षा सचिव मार्क एस्पर को निकाल दिया था, जिसके बाद यहां के राष्ट्रीय आतंकरोधी केंद्र निदेशक क्रिस को सोमवार को रक्षा सचिव बनाया गया। दूसरी ओर केश पटेल इसके पहले सुरक्षा परिषद के स्टाफ में थे। उनका असली नाम कश्यप प्रमोद पटेल है, और उनके पूर्वज गुजरात से ताल्लुक रखते थे।

उपराष्ट्रपति बनने जा रहीं कमला हैरिस ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी नागरिकों को सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं मिलना उनके अधिकार की बात है। यह उन पर उपकार नहीं है। बाइडन को मिला हर वोट यही साबित करता है। उन्हाेंने यह बयान पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा बनाए गए केयर एक्ट को खत्म करने के ट्रंप प्रशासन के प्रयास के संदर्भ में दिया। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट का विपरीत निर्णय दो करोड़ अमेरिकियों से सस्ती सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं छीन सकता है, तो वहीं 10 करोड़ अमेरिकियों पर इसका असर हो सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव भले ही हार गए, लेकिन उनकी रिपब्लिकन पार्टी ने सीनेट में 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप की एफबीआई द्वारा की जा रही जांच बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिए सीनेट की न्यायिक समिति ने पूर्व एफबीआई उप निदेशक एंड्रयू मैककेब से सवाल-जवाब किए। उनके द्वारा 2016 में शुरू की गई जांच पर असंतोष जताया गया। जांच जारी रहने से संकेत मिल रहा है कि चुनाव परिणामों से इस पर कोई असर नहीं होगा सीनेट में रिपब्लिकन का बहुमत बना रहा तो वे इस पर सख्त रवैया अख्तियार करते रहेंगे।

पाकिस्तान के कब्जे में कश्मीरियों का जीवन किन अत्याचारों को सहते हुए गुजर रहा है, इस बारे में यहां के सामाजिक कार्यकर्ता रहे अमजद बेग ने बाइडन को जानकारी दी। बेग बीते काफी समय से इंग्लैंड में निर्वासित जीवन जी रहे हैं। उन्हाेंने पत्र व वीडियो संदेश के जरिए बताया कि 73 वर्ष से पाकिस्तान ने यहां के लोगों को गुलाम बना रखा है। उन पर अत्याचार हो रहे हैं। अब चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव की वजह से उनकी जमीनों पर कब्जे हो रहे हैं। उन्हाेंने पाकिस्तान के प्रशासन और सेना को यहां से तुरंत हटाए जाने जरूरत बताई।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com