अमेरिका के इस यान की चांद पर लैंडिंग भारत के चंद्रयान-3 की तरह नहीं हुई और उतरते ही इस अमेरिकी अंतरिक्ष यान का एक पैर टूट गया और यह पलट गया। अमेरिका की प्राइवेट कंपनी इन्टुएटिव मशीन्स के इस ओडीसियस नामक स्पेसक्राफ्ट को चंद्रमा पर उतरने के लिए एक सप्ताह पहले लॉन्च किया गया था जिससे कई जरूरी जानकारी जुटाने का लक्ष्य था।
अमेरिका का एक अंतरिक्ष विमान चांद की सतह पर एक सप्ताह तक टहलने के बाद लंबी नींद सो गया है। अमेरिका की प्राइवेट कंपनी इन्टुएटिव मशीन्स के इस ओडीसियस नामक स्पेसक्राफ्ट को चंद्रमा पर उतरने के लिए एक सप्ताह पहले लॉन्च किया गया था।
यान का एक पैर टूट गया
- चांद पर इस यान की लैंडिंग भारत के चंद्रयान-3 की तरह नहीं हुई और उतरते ही इस अमेरिकी अंतरिक्ष यान का एक पैर टूट गया और यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पलट गया।
- सौर ऊर्जा और संचार से वंचित होने के बाद भी कंपनी ने कई इसे खड़ा करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।
- अंत में कंपनी ने ओडीसियस से एक आखिरी तस्वीर प्राप्त की और उसके कंप्यूटर और बिजली प्रणालियों को स्टैंडबाय पर रख दिया।
कंपनी ने एक्स पर लिखा- शुभ रात्रि, ओडी
अब लैंडर अगले दो से तीन सप्ताह में जाग सकता है, अगर यह काम करने लायक रहता है। इन्टुएटिव मशीन्स के प्रवक्ता जोश मार्शल ने कहा कि इन अंतिम चरणों ने लैंडर की बैटरी खत्म कर दी और ओडीसियस को “लंबी नींद में सुला दिया।”
कंपनी ने एक्स पर इसके बाद लिखा शुभ रात्रि, ओडी। हमें आपसे फिर से मिलने की उम्मीद है। बता दें कि चांद पर लैंड करने से पहले ली गई तस्वीर में चंद्रमा की उभरी हुई सतह पर लैंडर के निचले हिस्से को दिखाया गया है, जिसमें एक छोटी अर्धचंद्राकार पृथ्वी और पृष्ठभूमि में एक छोटा सूरज है। मूल रूप से लैंडर का चंद्रमा पर लगभग एक सप्ताह तक रहने का इरादा था।
बता दें कि 22 फरवरी को ओडीसियस के चंद्रमा पर उतरने के बाद ह्यूस्टन स्थित इंट्यूएटिव मशीन्स बिना दुर्घटनाग्रस्त हुए चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहली निजी कंपनी बन गई। 1960 के दशक के बाद से केवल पांच देशों ने यह उपलब्धि हासिल की है, जिसमें जापान भी शामिल है, जिसने पिछले महीने लैंडिंग की थी।