स्टैच्यू ऑफ यूनियन के बारे में वेबसाइट में बताया गया है कि स्टैच्यू ऑफ यूनियन भगवान हनुमान की उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। यह शक्ति भक्ति और निस्वार्थ सेवा का प्रतीक है। हनुमान ने राम को सीता से मिलाया और इसलिए इसका नाम स्टैच्यू ऑफ यूनियन रखा गया। यह परियोजना पूरी तरह से परम पावन श्री चिन्नाजीयर स्वामीजी की दृष्टि है।
अमेरिका के टेक्सास में प्रभु श्री राम के परम भक्त भगवान हनुमान की 90 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है। रविवार को इस प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस तरह से भगवान हनुमान की यह प्रतिमा अमेरिका की तीसरी सबसे ऊंची मूर्ति हो गई है। प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा भी की गई है।
इसका नाम स्टैच्यू ऑफ यूनियन रखा गया है। मूर्ति को यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि भगवान हनुमान ने राम और सीता को मिलाने में योगदान दिया था। यह मूर्ति टेक्सास के शुगर लैंड स्थित श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर में है। इस परियोजना की परिकल्पना चिन्नाजीयर स्वामीजी ने की है।
डेलावेयर में भगवान की 25 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित
इससे पहले साल 2020 में डेलावेयर में भगवान हनुमान की 25 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई थी। यह प्रतिमा तेलंगाना के वारंगल से भेजी गई थी।
शक्ति, भक्ति और निस्वार्थ सेवा का प्रतीक है मूर्ति
स्टैच्यू ऑफ यूनियन के बारे में वेबसाइट में बताया गया, “स्टैच्यू ऑफ यूनियन भगवान हनुमान की उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। यह शक्ति, भक्ति और निस्वार्थ सेवा का प्रतीक है। हनुमान ने राम को सीता से मिलाया और इसलिए इसका नाम स्टैच्यू ऑफ यूनियन रखा गया। यह परियोजना पूरी तरह से परम पावन श्री चिन्नाजीयर स्वामीजी की दृष्टि है। यह हमारे लिए एक अवसर है कि हम एक समुदाय के रूप में भविष्य की पीढ़ियों के लिए भगवान हनुमान का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करें।”
उद्देश्य एक आध्यात्मिक केंद्र बनाना है
वेबसाइट ने आगे बताया है कि टेक्सास के शुगर लैंड में श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर में स्थित, पंचलोहा अभय हनुमान की प्रतिमा 90 फीट ऊंची होगी। स्टैच्यू ऑफ यूनियन का उद्देश्य एक आध्यात्मिक केंद्र बनाना है, जहां दिलों को सांत्वना, दिमाग को शांति और आत्माओं को उत्थान का मार्ग मिलेगा।
प्रेम-शांति और भक्ति से भरी दुनिया का निर्माण जारी रखें
इसमें आगे कहा गया है, “आइए उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची हनुमान प्रतिमा के सपने को साकार करें और साथ मिलकर प्रेम, शांति और भक्ति से भरी दुनिया का निर्माण जारी रखें।”