अमृतसर ट्रेन हादसे में हुई जांच पर भाजपा और अकाली दल ने उठाये सवाल

अमृतसर रेल हादसे को लेकर गुरुवार को जांच में 51 चश्मदीदों के बयान कलमबद्ध किए गए हैं और कई चश्मदीदों के अलावा पीड़ित परिवारों को समन भेजा गया है। डिवीजनल कमिश्नर बी पुरुषार्था ने गुरुवार को घटनास्थल का दौरा किया।इस दौरान भाजपा और अकाली दल के नेताओं ने गुरुवार को मजिस्ट्रेट जांच में खूब खलल डाला। नेताओं ने नगर सुधार ट्रस्ट पहुंचकर नारेबाजी की।

भाजपा अकाली नेताओं की मांग थी कि मजिस्ट्रेट जांच पब्लिक के बीच की जाए। इस दौरान अकाली-भाजपा की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की हो गई। जौड़ा फाटक में रावण दहन के दौरान ट्रेन हादसे की जांच को लेकर डिवीजनल कमिश्नर ने गुरुवार को चश्मदीद और पीड़ित परिवारों के बयान कलमबद्ध करने थे। मजिस्ट्रेट द्वारा लोगों के बयान कलमबद्ध किए जा रहे थे, तभी वहां पंजाब भाजपा अध्यक्ष श्वेत मलिक और हलका मजीठा के विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पहुंच गए। 

वहां उन्होंने सिद्धू के खिलाफ पर्चा दर्ज कराने की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान भाजपा नेता तरुण चुघ और मजीठिया ने मांग की कि चश्मदीदों और पीड़ितों के बयान सारी पब्लिक के बीच लिए जाएं, बंद कमरे में बयान क्यों लिए जा रहे हैं। गुरुवार को भी अमृतसर में लाशों पर खूब राजनीति चलती रही। करीब 10 मिनट तक शोर करने के बाद अकाली भाजपा नेता मौके से चले गए। 

इस दौरान गुलजार सिंह राणिके, भाजपा प्रदेश प्रधान श्वेत मलिक, राजेश हनी और भाजपा नेता राजिंदर मोहन छीना भी मौजूद थे। भाजपा नेताओं ने कहा कि बंद दरवाजे के भीतर कैसी जांच चल रही है। यह कैसी जांच है जो नगर सुधार ट्रस्ट के कार्यालय चल रही है, जो कैबिनेट मंत्री सिद्धू का विभाग है। 

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