अमरिंदर ने कहा-पंजाब व पड़ोसी राज्यों पर पड़ेगा मालगाडिय़ों पर पाबंदी का प्रभाव, सुखबीर भी बेचैन

पंजाब में रेलवे के मालगाडि़यों का परिचालन बंद करने के फैसले पर मुख्‍यमंत्री क‍ैप्‍टन अमरिंदर सिंह व अन्‍य सियासी दलों ने चिंता जताई है। कैप्टन अमरिंदर ने कहा है कि मालगाडिय़ों के परिचालन को रोकने का असर केवल पंजाब की आर्थिक हालत पर पड़ेगा और इसका पड़ोसी राज्यों पर भी बुरा असर होगा। शिरोमणि अकाली दल के अध्‍यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि इस निर्णय से पंजाब के उद्योग, कारोबार और खेती बर्बाद हो जाएगी।

कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा, इससे आंंदोलनकारी किसान और भड़केंगे

सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले 24 व 25 अक्टूबर को मालगाडिय़ों के परिचालन पर रोक लगा दी थी। अब इस अस्थायी रोक को चार दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। कैप्टन ने आशंका जताई कि रेलवे द्वारा पंजाब में मालगाडिय़ों को न चलाने का फैसले का असर राज्य सरकार की ओर से किसानों के साथ बातचीत करके हासिल की गई सफलता पर पड़ सकता है। इससे केंद्रीय कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसान और भड़क सकते हैैं।

रेलवे द्वारा मालगाडिय़ों के परिचालन की बहाली न करने के गंभीर प्रभाव का हवाला देते हुए कैप्टन ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अगर तुरंत मालगाडिय़ां का परिचालन न किया गया तो इससे न केवल पंजाब की आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी बल्कि राज्य को जरूरी वस्तुओं की कमी से जूझना पड़ेगा। इसके साथ ही केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर, सहित लद्दाख को भी गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा।

कैप्टन अमरिंदर ने पत्र में कहा है कि राज्य सरकार किसान संगठनों के साथ निरंतर बातचीत करती रही है और इन्हीं कोशिशों के फलस्वरूप सरकार ने 22 अक्टूबर से आंशिक रेल सेवाएं बहाल करवाने की सफलता हासिल की थी। 23 अक्टूबर को मालगाडिय़ों के परिचालन की शुरुआत के बाद रेलवे ने एकतरफा फैसला करते हुए पंजाब में सभी मालगाडिय़ों का परिचालन रोक दिया है।

वहीं, पंजाब की मुख्य सचिव विनी महाजन ने इस मुद्दे पर रेलवे के अधिकारियों के साथ बातचीत की ह‍ै। उन्‍होंने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से किसानों के रेल रोको आंदोलन को खत्म करने और यात्री गाडिय़ों के परिचालन को बहाल करवाने के लिए तीन मंत्रियों की समिति बनाई है। जहां तक मालगाडिय़ों के परिचालन का संबंध है तो किसानों की ओर से कोई मुख्य लाइन नहीं रोकी गई। केवल एक लाइन रोकी गई है जो निजी थर्मल प्लांट तलवंडी साबो को जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में पंजाब में रेलवे की ओर से मालगाडिय़ों को बंद किया जा रहा है, जबकि राज्य में कोयले व यूरिया सहित अन्य जरूरी वस्तुओं की सप्लाई की जरूरत है।

मालगाडिय़ों पर रोक से बिगड़ जाएगी आर्थिक स्थिति : सुखबीर

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब में मालगाडिय़ों के चलाने पर रोक लगाने के फैसले से खेती के अलावा पूरा कारोबार, व्यापार और उद्योग पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा। इससे राज्य की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ जाएगी।  इसलिए इस फैसले को तुरंत पलटने की आवश्यकता है।

सुखबीर ने कहा कि किसान अपने हक के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। शांतिप्रिय लोगों को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग के लिए दंडित न किया जाए। सुखबीर ने कहा कि फैसले से अनावश्यक और अमंगल टकराव की बू आती है। इससे कभी किसी का भला नहीं होगा। उन्होंने भारत सरकार से राज्य में मालगाड़ी सेवाएं तुरंत बहाल करने की अपील की है।

पंजाब के साथ बदलाखोरी पर उतरे मोदी : मान

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश प्रधान व सांसद भगवंत मान ने केंद्र सरकार की ओर से पंजाब में मालगाडिय़ों का संचालन रोके जाने की सख्त निं दा की है। उन्होंने कहा कि किसानों के संघर्ष से बौखला कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के साथ बदलाखोरी करने पर उतर आए हैं। मान ने कहा कि मालगाडिय़ां चलाने के लिए केंद्र की ओर से यात्री रेलगाडिय़ां चलाने की शर्त किसान संघर्ष को दबाने की साजिश है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मान ने आरोप लगाया कि बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने किसानों की बात सुनने से इसलिए भाग रहे हैं, क्योंकि उन्हें अंबानी-अडानी जैसे कारपोरेट घरानों के हित ज्यादा प्यारे हैं। यही कारण है कि जब पंजाब के किसानों ने मालगाडिय़ों के लिए ट्रैक खाली किया तो मोदी ने सबसे पहले मोगा स्थित अंडानियों के साइलो के लिए मालगाड़ी भेज दी।

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