राशन कार्ड धारकों के लिए बेहद जरूरी खबर। एक अप्रैल से राशन की दुकानों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है, यहां जानिए और फायदा उठाइए।

दरअसल, आटा-दाल स्कीम के लाभार्थी एक अप्रैल 2018 से पूरे पंजाब में कहीं से भी अपने हिस्से का राशन ले सकेंगे। फूड सप्लाई विभाग ने 31 मार्च तक सभी जिलों में बायोमीट्रिक पड़ताल से राशन वितरण की तैयारी कर ली है। पंजाब में 1 करोड़ 39 लाख लोग आटा-दाल स्कीम का लाभ ले रहे हैं। विभाग ने सबसे पहले मोहाली में पिछले साल के अंत में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था।
वहीं आटा-दाल स्कीम के सभी लाभपात्रियों का आधार लिंक किया गया। उसके बाद आधार नंबर और सारा डाटा ई-पॉस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनों में फीड किया गया। मोहाली में पिछली बार सभी लाभपात्रों को बायोमीट्रिक पड़ताल के जरिए गेहूं दिया गया। अब विभाग ने पूरे पंजाब में इसे लागू करने की कवायद शुरू कर दी है।
फूड सप्लाई विभाग ने इस काम की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की तीन कंपनियां भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और बेसिल पीएसयू को सौंपी थी। लेकिन सिर्फ बेसिल ही मैदान में डटी रही। इसी कंपनी ने मोहाली में प्रोजेक्ट लागू किया है। इसके लिए विभाग ने अपने फूड सप्लाई इंस्पेक्टरों को एक-एक ई-पॉस मशीन दी है। वे अपने इलाके के सारे राशन डिपो पर एक-एक करके गेहूं वितरण करते हैं।
जिस इलाके में गेहूं बांटा गया, वहां के धार्मिक स्थलों से पहले ही अनाउंसमेंट करवा दिया गया था। कुछ ही दिनों में सारे डिपो कवर हो गए थे। मोहाली की सफलता के बाद विभाग ने पटियाला, फतेहगढ़ साहिब और मानसा में इसे लागू करने की कवायद शुरू कर दी है। 31 मार्च तक सभी जिलों में इसे लागू कर दिया जाएगा। उसके बाद लाभपात्री किसी भी राशन डिपो से अपनी बायोमीट्रिक पहचान देकर अपने हिस्से का राशन ले सकेगा।
अब तक सिर्फ गेहूं मिला
कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद लाभपात्रों को गेहूं, दाल के साथ चीनी और चाय की पत्ती देने का एलान किया था। लेकिन आर्थिक तंगी से जूझ रही सरकार अब तक सिर्फ गेहूं ही दे सकी है। एक लाभपात्री को हर महीने पांच किलो गेहूं दो रुपये प्रति किलो के हिसाब से दिया जाता है। एक बार में छह माह का गेहूं दिया जा रहा है।
कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद लाभपात्रों को गेहूं, दाल के साथ चीनी और चाय की पत्ती देने का एलान किया था। लेकिन आर्थिक तंगी से जूझ रही सरकार अब तक सिर्फ गेहूं ही दे सकी है। एक लाभपात्री को हर महीने पांच किलो गेहूं दो रुपये प्रति किलो के हिसाब से दिया जाता है। एक बार में छह माह का गेहूं दिया जा रहा है।
बायो-मीट्रिक पहचान से राशन वितरण का पायलट प्रोजेक्ट मोहाली में सफल रहा है। 31 मार्च तक इसे पूरे पंजाब में लागू कर दिया जाएगा।