नोटबंदी के बाद से ही भारत सरकार का प्रयास रहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को कैशलैस इकॉनामी का रूप दिया जाए तथा हर व्यक्ति डिजिटल पेमेंट तथा बैंकिंग अपनाए।
और इस ऐवज़ में सरकार द्वारा नई-नई योजनाऐं भी बनाई गई है। इसी कड़ी में गरीब परिवारों तथा छोटे दुकानदारों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए उन्हें स्मार्टफोन की खरीद पर सब्सिडी देने का प्रस्ताव रखा है।
डिजिटल पेमेंट तथा कैशलैस ट्रांजेक्शन का बढ़ावा देने के लिए हर राज्यों की स्थिति जानने तथा योजनाओं को अमल में लाने के लिए गठित की गई मुख्मंत्रियों की समिति ने स्मार्टफोन की खरीद पर सब्सिडी देने का सुझाव सुझाया है। समिति का कहना है कि दुकानदारों को फोन की खरीद पर 1,000 रुपये का अनुदान दिया जाए तथा इसके साथ ही किसी भी बैंक से 50,000 या उससे अधिक धनराशि निकालने पर नकद लेन-देन कर भी लगाया जाए।
समिति संयोजक द्वारा प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंपते हुए सभी सरकारी विभागों तथा इकाइयों को डिजिटल भुगतान पर दिए जाने वाले मर्चेंट डिस्काउंट अर्थात् एमडीआर की वैल्यू कम करने या उसे पूरी तरह से खत्म करने की बात की गई है तथा इसके साथ ही किसी भी प्रकार के बड़े लेन-देन अथवा व्यापार में प्रयोग में लाई जाने वाली नगद राशि को भी सीमित करने की बात कही गई है।
आपको बता दें कि इस समिति में आंधप्रदेश के सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़णवीस तथा मध्य प्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान मुख्य पदों पर आसीन हैं। समिति ने केंद्र सरकार से एईपीएस अर्थात् आधार आधारित भुगतान प्रणाली को अधिकाधिक बढ़ाने तथा सूक्ष्म एटीएम और बायोमीट्रिक सेंसर इत्यादि की संख्या तथा पहुंच बढ़ाने की सिफारिशें की गई है।
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