New Delhi: पत्रकार गौरी लंकेश की हत्केया के बाद उनके शव को रवींद्र काला क्षेत्रा लाया गया। जहां उनके परिवार और दोस्त उनकी अंतिम विदाई में मौजूद रहे। दरअसल, वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। हमलावरों ने बेगौफियत की सभी सीमा पार करते हुए उनके घर में घुसकर उन्हें गोली मार दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार अज्ञात बदमाशों ने काफी नजदीक से उन पर गोलियां चलाईं जिसके बाद मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
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वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की बंगलुरू में गोली मारकर हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि चार अज्ञात हमलावरों ने राज राजेश्वरी इलाके में स्थित गौरी के घर के बाहर उन पर काफी करीब से फायरिंग की, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
बंगलुरू के पुलिस कमिश्नर ने बताया कि गौरी लंकेश का शव खून से सना हुआ मिला। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से कारतूस के चार खोके मिले। उन्होंने बताया कि हमलावरों की संख्या का अभी पता नहीं लग पाया है। पुलिस कमिश्नर ने जानकारी दी कि घर के सामने लोगों ने फायर की आवाज सुनी। गौरी लंकेश साप्ताहिक मैग्जीन ‘लंकेश पत्रिके’ की संपादक थीं। इसके साथ ही वो अखबारों में कॉलम भी लिखती थीं। टीवी न्यूज चैनल डिबेट्स में भी वो एक्टिविस्ट के तौर पर शामिल होती थीं। लंकेश के दक्षिणपंथी संगठनों से वैचारिक मतभेद थे।
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गौरी लंकेश को सबसे निर्भीक और बेबाक पत्रकारों में से एक माना जाता था। अकसर अपने विचारों और बातों से उन्होंने विरोधियों के मुहं पर टेल लगाए हैं। वैचारिक मतभेदों को लेकर वह कुछ लोगों के निशाने पर थीं। वह कन्नड़ भाषा में एक साप्ताहिक पत्रिका निकालती थीं। वह कर्नाटक की सिविल सोसायटी की चर्चित चेहरा भी थीं। गौरी कन्नड़ पत्रकारिता में एक नए मानदंड स्थापित करने वाले पी. लंकेश की बड़ी बेटी थीं। उनके बारे में यह भी कहा जाता रहा है कि वह वामपंथी विचारधारा से प्रभावित थीं और हिंदुत्ववादी राजनीति की मुखर आलोचक थीं।
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अपनी हत्या के कुछ घंटे पहले तक गौरी ट्विटर और फेसबुक पर एक्टिव थीं। गौरी ने रोहिंग्या मुसलमानों से जुड़ी खबरों के लिंक शेयर किए और कई ट्वीट्स को री-ट्वीट किया। गौरी लंकेश ने अपने आखिरी ट्वीट में फेक पोस्ट की चर्चा की थी। गौरी ने लिखा था, ‘हम लोगों में से कुछ लोग फेक पोस्ट शेयर करने की गलती कर देते हैं। चलिए एक्सपोज करने की कोशिश के बजाए इसके प्रति एक-दूसरे को सतर्क किया जाए। शांति बनाए रखिए साथियों।’

वहीं एक ट्वीट में गौरी ने लिखा, ‘मुझे ऐसा क्यों लगता है कि हम में से कुछ लोग अपने में ही लड़ रहे हैं? हम सभी अपने सबसे दुश्मन को जानते हैं। क्या हम उस पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं?’ इस घटना पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दुख जताया। सिद्धारमैया ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने इस संबंध में डीजीपी से बात की है। सिद्धारमैया ने घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं।
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