बैंक ने पांच साल बाद पहली बार ब्याज दरों को बढ़ाने की घोषणा की है। ब्याज दरों में 50 बेसिस पाइंट से लेकर के 140 बेसिस पाइंट की बढ़ोतरी होगी। तकरीबन दो वर्ष बाद बैंकों से कर्ज लेने वालों की रफ्तार इनमें जमा राशि रखने वाले ग्राहकों के मुकाबले तेजी से बढ़ी है।
बढ़ गई लोन लेने वालों की संख्या
रेटिंग एजेंसी इकरा द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार पांच जनवरी, 2018 तक के आंकड़ों के आधार पर कहा था कि चालू वित्त वर्ष में अब तक 2.02 लाख करोड़ रुपये की राशि बतौर लोन बैंकों द्वारा बांटी गई है। इसी अवधि में बैंकों में जमा राशि के तौर पर 1.27 लाख करोड़ रुपये आए हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में बैंकों को कर्ज बांटने के लिए ज्यादा से ज्यादा राशि जनता से जुटानी होगी। यह काम डिपॉजिट रेट बढ़ाकर ही संभव होगा।
इतना होगा डिपॉजिट रेट
एसबीआई ने कहा कि एक साल के लिए इंटरेस्ट रेट 6.25 फीसदी, एक हफ्ते से लेकर के 46 दिन तक के लिए 5.25 फीसदी, 46 दिन से 2 साल के लिए 6.25 फीसदी और 2 से 10 साल के लिए 6 फीसदी तय किया है।
अन्य बैंक भी बढ़ा सकते हैं अपनी ब्याज दरें
एसबीआई के इस कदम के बाद अन्य बैंक भी अपनी ब्याज दरों को बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही अब आरबीआई भी अपना रेपो रेट नहीं बढ़ाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ते लोन का मिलने की उम्मीद न के बराबर है।