वॉयस कॉल के लिए यूजर्स से 6 पैसे प्रति मिनट चार्ज लेने की बात सामने आने के बाद रिलायंस जियो को अपने ग्राहको के साथ-साथ प्रतिद्वंदी ऑपरेटरों से भी तीखी प्रतिक्रिया मिली।

वोडाफोन, आइडिया, एयरटेल और रिलायंस जियो ने एक दूसरे को इस मुद्दे पर ट्रोल भी किया। अब रिलायंस जियो ने ट्वीट कर सफाई दी है कि जियो यूजर्स को महीने में 12 रुपये एक्स्ट्रा देने होंगे।
जियो ने ट्वीट कर बताया कि ट्राई की रिपोर्ट के मुताबिक एक ग्राहक औसतन महीने में 200 मिनट दूसरे नेटवर्क पर बात करता है। इस औसत के मुताबिक 6 पैसा प्रति मिनट के मुताबिक जियो ग्राहक को 12 रुपये मासिक एक्स्ट्रा देने होंगे।
मोबाइल पर मुफ्त में बातचीत (कॉल) का दौर अब खत्म होने की शुरुआत हो गई है। रिलायंस जियो उपभोक्ताओं से किसी अन्य कंपनी के नेटवर्क पर कॉल करने पर शुल्क लेगी। जियो के मुताबिक दूसरे नेटवर्क पर बात करने के ले उपभोक्ताओं को कूपन लेना होगा जिसकी शुरुआती कीमत 10 रुपये है। दूरसंचार बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में अब दूसरी कंपनियां भी कॉल के लिए शुल्क लेने की शुरुआत कर सकती हैं।
मिस्ड कॉल से नुकसान की भरपाई: जियो ने अपने बयान में कहा है कि अन्य कंपनियों की 2जी सेवाएं महंगी हैं जिसकी वजह से उन कंपनियों के ग्राहक जियो के उपभोक्ताओं को मिस्ड कॉल करते हैं।
जब जियो के ग्राहक उन्हें वापस कॉल करते हैं तो उसके बदले जियो को उन कंपनियों को इंटरकनेक्ट प्रयोग शुल्क (आईयूसी) चुकाना पड़ता है। जियो नेटवर्क पर रोजाना ऐसी 30 करोड़ तक मिस्ड कॉल आती हैं। जियो ने इसके लिए तीन साल में 13,500 करोड़ चुकाए हैं।
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